देश के कानून के अनुसार बाल विवाह को गैरकानूनी घोषित कर दिया गया है। लेकिन उसके बावजूद भी देश के ही कई इलाकों में आज भी बाल विवाह सम्पन्न किया जा रहा है। एक ऐसे ही मामले में एक बच्ची की शादी चार साल की उम्र में ही हो गई थी। इसके बाद वह बच्ची अपने माता पिता का ही घर में रहने लगी। अब वो लड़की बालिग हो गई और वो बीए की पढ़ाई भी पूरी करने वाली है। इस पर जब उसे उसके ससुराल भेजा जाने लगा तो उसने जाने से इंकार कर दिया और थाने पहुंच गई।
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यह मामला राजस्थान के बीकानेर स्थित पांचू गांव का है। इस गांव की रहने वाली भंवरी की चार साल की उम्र में ही शादी हो गई थी। धीरे धीरे वो बड़ी हुई। अब भंवरी बीए के अंतिम वर्ष में पहुंच गई। तब अचानक उसके माता पिता ने उसे ससुराल जाने की बात कहीं। इस पर भंवरी ने ससुराल जाने से इंकार कर दिया। भंवरी ने बचपन से पढ़ाई में अपना पूरा ध्यान लगाकर कॉलेज में एडमिशन लिया, वहीं दूसरी ओर उसके पति ने अपनी पढ़ाई नहीं की और वह आज भी अंगूठा छाप ही है। जिस कारण से भंवरी अपने ससुराल जाना नहीं चाहती। इस बात की सूचना जब ससुराल वालों को लगी तो उन्होंने भंवरी के घर वालों से 15 लाख बतौर मुआवजे की मांग कर दी। साथ खाप पंचायत होना भी तय हुआ। लेकिन भंवरी पुलिस अधिकारियों से मिली। तब जाकर पुलिस की ओर से भंवरी के परिवार को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाते हुए होने वाली पंचयता को भी स्थगित कर दिया गया। अब आप ही बताएं की भंवरी अगर आपके ही घर की होनहार बेटी होती तो आप क्या करते।