चांद पर काफी समय से रिसर्च चल रही है और इस बारे में पता लगाने की कोशिश की जा रही है की क्या वास्तव में चंद्रमा पर जीवन का विकास संभव हो सकता है अथवा नहीं। इसके लिए कई प्रकार प्रयोग चंद्रमा पर किये जा चुके हैं। वर्तमान में एक जैविक प्रयोग चंद्रमा पर होने जा रहा है। यह पहला ऐसा प्रयोग है जो जैविक है। आपको बता दें की इस प्रयोग को भारत का पड़ोसी देश चीन करने जा रहा है। इस प्रयोग के तहत चीन अपने “चांग ई 4 लूनर यान” के जरिये चांद पर पौधों के बीज, आलू तथा रेशम के कीटों के अंडे वहां भिजवा रहा है। माना जा रहा है की यह प्रयोग चंद्रमा के वातावरण में जीवन की नई संभावनाओं को खोजने के लिए बहुत सही है।
चीनी विश्वविद्यालयों ने तैयार की है योजना –
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आपको बता दें की चीन के “चांगकिंग विश्वविद्यालय” के नेतृत्व में 28 चीनी विश्वविद्यालयों ने मिलकर इस योजना को तैयार किया है। इस योजना का नाम “लूनार मिनी बॉयोस्फेयर” है। इस योजना के तहत सऊदी अरब,नीदरलैंड्स, जर्मनी जैसे देशों के साइंटिफिक पेलोड्स को भी यान द्वारा भेजा जायेगा। अभी तक चीन में बनी इस योजना में एक टीन के बेलनाकार बर्तन में आलू, फूलों के बीज आदि चीजें भेजने की बात सामने आई है। इस टीन बर्तन में पौधों के लिए पानी, एक डेटा ट्रांस मीटर, जरुरी पोषक तत्व, हवा आदि की व्यवस्था होगी। इस योजना से जुड़े वैज्ञानिकों का मानना है की उनके भेजे गए बीज चांद पर जाकर जरूर विकसित होंगे। वैज्ञानिकों क प्लान यह भी है की वे विकसित होते इन पौधों को कैमरे द्वारा धरती पर भी देख सकें। आपको बता दें की अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र पर पौधें उगाने का कार्य हो चुका है लेकिन चांद पर यह पहली बार ही हो रहा है। अब देखना है की यह प्रयास कहां तक सफल हो सकता है।