आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं शायद आपको हमारी बातों पर यकीन ना हो, लेकिन 139 साल के क्रिकेट इतिहास में अबकी बार एक ऐसा इतिहास रचा गया है जिसको सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। शायद आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि हमारे देश के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ तक के दिग्गज आज तक जो नहीं कर पाए, न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रैंडन मैक्कुलम ने वो कर दिखाया है। उन्होंने वैलिंग्टन क्रिकेट मैदान पर टॉस के लिए उतरते ही एक ऐसा इतिहास रच दिया जिससे क्रिकेट जगत के सभी खिलाड़ी पीछे रह गए हैं।
आज का दिन क्रिकेट के इतिहास के लिए सबसे ज्यादा यादगार बन गया, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच में मैदान में उतरे न्यूजीलैंड के कप्तान ने टेस्ट क्रिकेट के उस अध्याय को लिखा जिसे आज तक कोई पूरा नहीं कर पाया था। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ है तो आपको बता दें कि 139 साल के क्रिकेट इतिहास में न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैकुलम डेब्यू लगातार 100 टेस्ट खेलने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। इस मुकाम पर आज तक सचिन तेंदुलकर भी नहीं पहुंच पाए हैं।
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हालांकि इस मैच में न्यूज़ीलैंड के कप्तान व कोई भी अन्य बल्लेबाज़ कोई खास कमाल नहीं कर पाए। जिसके बाद उनकी पूरी टीम महज 183 रन पर सिमट गई। जिसके बाद जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम को भी बहुत जल्द ही काफी शुरूआती झटके लगे। वहीं, बता दें कि टीम बेशक हार गई हो लेकिन न्यूजीलैंड के सबसे बेहतरीन और पुराने स्टेडियम में से एक बेसिन रिजर्व में मैकुलम के इस ऐतिहासिक मुकाबले को देखने के लिए इस स्टेडियम के बाहर पहले दो दिन तक अब हाउस फुल का बोर्ड लगा रहेगा। यह स्टेडियम 65000 लोगों की क्षमता वाला है।
मैकुलम, जो कि अभी सिर्फ 34 साल के हैं वह 9 मार्च 2004 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट खेलने उतरे थे। जिसके बाद बिना कोई मैच गंवाए उन्होंने 99 का आंकड़ा पार कर लिया है। इस दौरान न्यूजीलैंड के एक मात्र तिहरा शतक लगाने वाले इस बल्लेबाज ने मैच से पहले कहा कि जब अपने करियर को पीछे मुड़ के देखता हूं तो एक अलग सा अहसास होता है। मुझे इस पर गर्व होता है कि मैं बिना चोटिल हुए, बिना थके लगातार 100 टेस्ट खेल पाया। वैसे इस सीरीज में दो टेस्ट मैच खेले जाएंगे, जिसके बाद खबरें है कि मैकुलम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से पूरी तरह दूर हो जाएंगे।
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मैकुलम का कहना है कि,‘ऑस्ट्रेलिया को हराकर विदा लेना अच्छा होगा और वैसे भी अपने घरेलू मैदान पर मेरा अपना 100वां और आखिरी टेस्ट अपने मैदान पर खेलना बहुत खास है।’’