लोग जवानी में और उसके बाद भी सामाजिक गतिविधियों में भाग लेते हैं, लेकिन वृद्ध अवस्था आते आते वह अपने जीवन को सामाजिक गतिविधियों से हटा लेते हैं और अपना जीवन अकेले व्यतीत करते हैं। आपको बता दें कि उम्र के इस पड़ाव में भी सभी गतिविधियों का हिस्सा बने रहना चाहिए। बुजुर्गों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि सप्ताह में एक बार या उससे अधिक बार किताबों, कंप्यूटर और विभिन्न गतिविधियों का हिस्सा बनने वाले बुजुर्गों की स्मरण शक्ति लंबे समय तक दुरुस्त रहती है।
आमतौर पर बुजुर्ग अवस्था में सभी व्यक्ति सामाजिक गतिविधियों में शामिल नहीं होते हैं। इससे ऐसा होता है कि वह सभी बातों को धीरे-धीरे भूलने लगते हैं। कनाडा में बुजुर्गों की स्मरण शक्ति पर रिसर्च की गई। इसमें कई बुजुर्गों को शामिल किया गया था। आपको बता दें कि रिसर्च में करीब 70 वर्ष की आयु और उससे अधिक वाले लोगों को शामिल किया गया था। इन सभी पर मायो क्लीनिक स्टडी ऑफ एजिंग नाम की स्टडी की गई थी। इसमें देखा गया कि जो लोग कंप्यूटर, किताबों और वीडियो गेम, शिल्पकारी और बागवानी जैसे कार्यों में हिस्सा लेते हैं उन्हें लंबे समय तक किसी भी बात को याद रखने की क्षमता होती है।
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कंप्यूटर में सप्ताह के एक बार या दो बार भी काम करने से रचनात्मक कार्यों में रुचि बढ़ती है और साथ ही याद्दाश्त को भी 42 प्रतिशत तक का खतरा कम होता है। साथ ही जो लोग मानसिक विकास वाली गतिविधियों में शामिल नहीं होते वह अपनी सभी बात जल्दी भूल जाते हैं। यह शोध अमेरिका की एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजी के द्वारा आयोजित 68वीं वार्षिक बैठक में प्रस्तुत किया गया।