वैसे तो एंबुलेंस का उपयोग किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल में ले जानें के लिए ही किया जाता है, पर हाल ही में गायों के लिए भी एंबुलेंस सेवा की शुरूआत की गई है। जी हां, आज से पहले आपने एंबुलेंस का उपयोग किसी बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जानें के लिए किया जाते देखा होगा, पर हाल ही में एंबुलेंस का उपयोग अब गायों के लिए भी शुरू हो गया है। गायों के लिए शुरू की गई इस एंबुलेंस सेवा में बीमार और घायल गायों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जानें की सुविधा दी जाएगी। गाय को अपने देश में एक धार्मिक पशु माना जाता है। हिंदू धर्म में गाय को अत्यंत पूजनीय माना जाता है। मान्यता है कि गाय के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए गाय की सेवा करने से सभी का आशीष आपको मिलता है। भारत में गाय के लिए विशेष तौर पर बहुत सी गौ-शालाएं भी खोली गई है। गाय के लिए किए जानें वाले इन सभी कार्यों के मूल में गायों का धार्मिक और सामाजिक प्राणी होने का ही कारण है, इसलिए हाल ही में भारत में घायल बीमार गायों के लिए एंबुलेंस सेवा की शुरूआत की गई है, ताकी गायों की जान बचाई जा सके। आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर कहां पर यह एंबुलेंस सेवा शुरू की गई है।
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आपको हम बताए दें कि गायों के लिए एंबुलेंस सेवा की शुरूआत छत्तीसगढ़ सरकार ने की है। इस एंबुलेंस सेवा से बीमार, बूढ़ी तथा घायल गायों की जान बचाई जा सकेगी तथा उनको जरूरी सहायता दी जाएगी। पंडित रविशंकर यूनिवर्सिटी के एक प्रोग्राम में छत्तीगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस एंबुलेंस सेवा के बारे में बताते हुए कहा कि “यह एंबुलेंस सेवा छत्तीसगढ़ में गायों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी कार्य करेगी। इस सेवा को अभी महज 10 जिलों में प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है।”, इस प्रोगाम में रमन सिंह ने लोगों से “पंचगव्य” का सेवन करने का अनुरोध भी किया तथा उसके लाभ भी बताए। आपको हम यहां यह भी बता दें कि गायों के लिए एंबुलेंस सेवा उत्तर प्रदेश तथा मध्य-प्रदेश दोनों हो प्रदेशों में पहले से प्रारंभ है और अब इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी गायों के लिए एंबुलेंस सेवा की शुरूआत की है।