आकाश में कभी-कभी ऐसी चीजें दिखाई पड़ जाती हैं जिनको देख कर कोई भी चकित हो सकता है। आज हम आपको एक ऐसी ही चीज के बारे में यहां जानकारी दे रहें हैं। कुछ समय पहले दुनिया के कुछ हिस्सों में लोगों ने आकाश में एक विशाल प्रकाशित गोले को देखा। कुछ लोगों ने इसको धर्म के साथ जोड़ कर अपने विचार रखें, तो कुछ लोगों ने इसको भय की निगाहों से इसको देखा, पर इस विशाल प्रकाशित गोले के पीछे के सच को बहुत कम लोग ही जानते हैं और आज हम आपको वही बताने जा रहें हैं।
image source:
आखिर क्या है यह प्रकाशित गोला –
असल में इस घटना को वलयाकार या कुंडलाकार ग्रहण कहते हैं तथा अंग्रेजी में इसको “annular eclipse” कहा जाता है। इस तरह के सूर्य ग्रहण शुरूआत तब होती है जब सूरज, चंद्रमा तथा पृथ्वी एक ही दिशा में आ जाते हैं। जैसा की आप जानते ही हैं कि पृथ्वी चंद्रमा से ज्यादा बड़ी है और सूरज धरती से कई गुना बड़ा है तो होता यह है कि जब चंद्रमा सूरज तथा पृथ्वी के बीच में आ जाता है, तब चंद्रमा से सूरज का कुछ हिस्सा ढक जाता है तथा चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है।
सूरज चंद्रमा से बड़ा है ही इसलिए चंद्रमा के चारों और सूरज का बचा हुआ हिस्सा नजर आता है जो कि देखने में एक अंगूठी या विशाल जलते हुए गोले के रूप में दिखाई पड़ता है। इस प्रकार से जिसको हम चमत्कार मानते हैं वह असल में एक खगोलीय घटना है, अन्य कुछ नहीं। इसी कारण से इसको वलयाकार या कुंडलाकार ग्रहण कहा जाता है।