बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं इस अभियान के विषय की बात करें, तो इस पर लोग बड़ी-बड़ी चर्चायें तो करते है पर जब अमल करने की बात आती है तो फिर चाहें मंत्री हो, या एक आम आदमी इस बात को नजरअंदाज कर निकल जाते है। जिसके कारण आज भी देश की महिलायें अपनी सुरक्षा को लेकर डरी हुई है। मगर हमारे देश में कुछ ऐसे भी लोग है जिनके पास कुछ ना होने के बाद भी महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के लिए अपना सब कुछ खोने को तैयार हो जाते है इन्हीं में से एक हैं डॉ. आर.पी. यादव, जिन्होंने अपने जीवनभर की बचत पूंजी लड़कियों की सुरक्षा में लगा दी।
राजस्थान के जयपुर ग्रामीण के कोटपुतली तहसील में रहने वाले डॉ. आर पी यादव उन तमाम लोगों के लिए मिसाल हैं जिन्होनें सिर्फ लड़कियों के नाम पर लंबी लंबी बाते कर उन्हे बेसहारा छोड़ दिया है। जिनका सबसे बड़ा सहारा बनकर उभरे डॉक्टर यादव नें एक नही बल्कि कई लड़कियों को एक नई उड़ान दी है।
बताया जाता है कि इस गांव में आवागमन के साधन ना होने के कारण लड़कियां आगे की पढ़ाई नही कर पाती थी। और जो आगे पढ़ती भी थी तो उन्हे तीन से छह किमी पैदल जाना पड़ता था जिससे उन्हें रास्ते में छेड़खानी जैसी कई तरह की परेशानियाों का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा मानसून के दौरान और ज्यादा हालत खराब हो जाती थी। ऐसे में ही एक दिन डॉ. यादव और उनकी पत्नि ने बारिश में लड़कियों को पैदल भीगते हुए कॉलेज जाते हुए देखा, तो उनका मन द्रवित हो गया। उन्होंने उसी समय इन्हे सुरक्षित रखने का फैसला बना लिया। और अपने पीएफ खाते में सुरक्षित लगभग 19 लाख रुपयों को निकलवाकर एक बस खरीदी और उसे इन बच्चियों की सेवा में लगा दी।
डॉ. यादव दंपंती ने लगभग 20 वर्ष पहले अपनी बेटी को एक हादसे में खो दिया था। उन्होंने कहा कि अगर उनकी बेटी होती तो ये पैसे उसकी शादी और पढ़ाई-लिखाई में खर्च हो जाते। अपने पीएफ के पैसों को बुढ़ापे के लिए ना बचाकर समाज के हित में खर्च करके डॉ. यादव ने एक मिसाल पेश की है। आज उन्होनें कई बेटियों के भविष्य को सजों दिया।
डॉ. यादव ने बताया कि कॉलेज के नये सत्र शुरू होने से पहले ही नई बस बुक करवा दी थी। लेकिन एजेंसी में बस न होने की कारण कंपनी ने कहा कि उन्हें नई बस मिलने में थोड़ी देरी से मिलने का समय बताया। जिससे बस को मिलने 17 दिनों की देरी हुई। इस दौरान छात्राएं कॉलेज जाने को तैयार हो चुकी थी। बस के ना होने की समस्या को देखते हुये डॉ. दंपती ने खुद अपने पैसों से किराए की बस उठाने का प्रबंध किया। फिलहाल चूरी, पावला, रामनगर, कायमपुराबास भोपालपुरा की 54 लड़कियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। अभी बस से 40 लड़कियां कॉलेज जा रही हैं। “निशुल्क बेटी वाहिनी” नाम की इस बस में कॉलेज जाने वाली लड़कियों से किसी भी प्रकार का कोई खर्चा नहीं लिया जाता है। यहां तक की डीजल से लेकर ड्राइवर तक का पैसा खुद डॉक्टर यादव ही उठाते है।
डॉ. यादव की इस पहल को देख प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उनका काफी साथ दिया। बस के लोकार्पण के मौके पर क्षेत्र के DTO ने बस को रोड टैक्स से छूट देने की घोषणा की। उधर कोटपुतली के टोल अधिकारियों ने भी बस को टोल टैक्स से फ्री कर दिया है।