आपकी सारी कमजोरी तथा थकावट को मिनटों में दूर कर देगा हमारा यह उपाय

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अक्सर दिनभर काम करने के बाद शाम को थकावट तथा कमजोरी महसूस होती ही है। देखा जाएं तो गर्मी के मौसम में ऐसी परेशान ज्यादा देखने को मिलती है। आजकल का जीवन काफी ज्यादा भागदौड़ भरा है। इसके अलावा आज का खानपान भी मिलावटी है जिस कारण शरीर को पूरा पोषण नही मिल पाता बल्कि इस भागदौड़ से शरीर की ऊर्जा जल्दी ही नष्ट भी हो जाती है। इस कारण शाम के समय आपको कमजोरी तथा थकावट महसूस होती है। आपकी इस कमजोरी तथा थकावट की समस्या को दूर करने के लिए हम यहां एक उपाय बता रहें हैं जो आपको इस समस्या से तुरंत ही निजात दिला देगा। आइये जानते हैं इस उपाय के बारे में।

कमजोरी तथा थकावट का रामबाण उपाय –

कमजोरी तथा थकावट का रामबाण उपायImage source:

इस उपाय के लिए पहले आप थोड़ा पानी गर्म करें तथा उसमें थोड़ा सा नमक डाल कर उसे अच्छे से घोल लें। जब पानी हल्का ठंडा पड़ जाए तो आप इस पानी में अपने दोनों पैर डाल कर आराम से बैठ जाएं। 20 से 25 मिनट तक इस प्रकार से बैठने पर आपको न केवल अपनी थकावट से आराम मिलता है बल्कि कई अन्य समस्याओं का भी समाधान होता है। चलिए अब फिर उन समस्याओं के बारे में भी जान लेते है।

इन समस्याओं में भी मिलता है लाभ –

इन समस्याओं में भी मिलता है लाभImage source:

1 – इस प्रयोग से आपके पैरों की मासपेशियां नर्म पड़ जाती है तथा उनकी अकड़न खत्म हो जाती है। इस प्रकार आपके पैरों में दरार नहीं पड़ती हैं। इसके अलावा आपके पैरों में चिपके मिट्टी के कण भी निकल जाते हैं तथा आपके पैर मुलायम बनते हैं।

2 – जिन लोगों को नींद न आने की समस्या है, वे इस प्रयोग को शाम को करें। इस प्रयोग से आपको अच्छी नींद आती है तथा अनिद्रा का रोग समाप्त हो जाता है।

3 – किडनी की समस्या में यह प्रयोग काफी लाभदायक साबित होता है। इससे आपकी किडनी की एनर्जी बढ़ती है तथा ब्लड का सर्कुलेशन सही हो जाता है। किडनी की समस्या वाले लोग इस प्रयोग को करने के बाद किसी अच्छे तेल से अपने पैरों की एड़ियों की मालिश करें।

4 – गठिया के रोगियों को भी इस प्रयोग से बहुत लाभ होता है। गठिया के रोगी इस नमक मिले पानी में थोड़ा सा दाल चीनी पाऊडर भी डाल सकते है। इस प्रयोग से उनके गठिया के दर्द को बहुत आराम मिलता है। इस प्रयोग को करने से पहले आप यह ध्यान रखें कि इसको लो ब्लड प्रेशर तथा शुगर की बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति न करें।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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