देश दुनिया में हजारों-लाखों की संख्या में गांव हैं। आज हम आपको जिस गांव के बारे में जानकारी दे रहें हैं। वह कोई सामान्य गांव नहीं है बल्कि बेहद रहस्यमय गांव है। इसमें रहने वाले लोग ही नहीं यहां के पशु पक्षी तक अंधे हैं। यही इसकी अलग पहचान बनी हुई है। इस बात को आप शायद न मानें पर यह पूरी तरह से सच है। इसका नाम “टिल्टेपक” है, यहां पर जोपोटेक जनजाति के करीब 300 रेड इंडियन निवास करते हैं। यहां जो भी बच्चे जन्म लेते हैं वे कुछ समय बाद अंधे हो जाते हैं। यहां एक ही सड़क है जिसके किनारे पर करीब 70 झोपड़ियां हैं। इनमें खिड़कियां तक नहीं है क्योंकि लोगों को रौशनी की आवश्यकता ही नही पड़ती है।
Image source:
ये लोग बाजरा, मिर्च तथा सेम का भोजन करते हैं। इनके पास लकड़ी के बने औजार रहते हैं। शाम को ये लोग शराब पीकर नाचते हैं तथा उसके बाद सो जाते हैं। यहां के स्थानीय निवासी गांव के लोगों के अंधे होने का कारण एक पेड़ को बताते हैं। इस पेड़ का नाम “लावजुएजा” है। लोगों का मानना है कि इसको देखने के बाद ही लोग अंधेपन का शिकार हो जाते हैं। वैज्ञानिक इस बात को गलत ठहराते हैं। उनका कहना है कि जो पर्यटक गांव में आते हैं वे भी इस पेड़ को देखते हैं फिर वो अंधे क्यों नहीं होते। वैज्ञानिकों ने यहां पर अंधेपन को लेकर एक रिसर्च की और बताया कि इस क्षेत्र में एक काली मक्खी रहती है। उसी के काटने की वजह से शरीर में कीटाणु फैल जाते हैं तथा आंखों की नसों को ब्लॉक कर देते हैं। इस कारण से स्वस्थ व्यक्ति अंधेपन का शिकार हो जाता है।