आज के समय में राजनीति में भी फेक न्यूज़ का खास स्थान बन चुका है। असल में फेक न्यूज़ एक इतना बढ़िया हथियार बन चुका है कि इसके सहारे किसी को भी निर्दोष साबित किया जा सकता है और किसी गुनाहगार बनाया जा सकता है। पुराने समय में फेक न्यूज़ का उपयोग को झूठ को सच दिखाने के लिए किया जाता था, पर आज भारत और अमेरिका में इसका उपयोग एक हथियार की तरह किया जाता है। जिन वेबसाइट्स पर ये फेक न्यूज़ चलाई जाती हैं उनकी कोई खास जिम्मेदारी नहीं होती है इसलिए कई बार हमारे मीडिया कर्मी तथा नेता इन खबरों को अपने एजेंडा में शामिल कर लेते हैं।
आज हम आपको यहां कुछ ऐसी ही फेक न्यूज़ के बारे में बता रहें हैं जिनको अपने देश के नेताओं ने जनता के सामने रखा तो था, पर बाद में पता लगा कि ये न्यूज़ फेक थी। इस प्रकार की खबरें पीएम मोदी से लेकर केजरीवाल तथा कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के नेताओं द्वारा जनता के सामने रखी जा चुकी हैं। आइये जानते हैं इन फेक न्यूज के बारे में।
1 – अरविंद केजरीवाल, सीएम, दिल्ली
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दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने अपने एक ट्वीट को रीट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि एक शख्स ने इसलिए आत्महत्या कर ली क्योंकि वह बैंक से पैसा नहीं निकाल पाया था। इस बात की जानकारी को निकाले बगैर ही अरविंद ने यह ट्वीट किया था। बाद में पता लगा की असल में वह व्यक्ति बैंक में चोरी करने के लिए गया था और पुलिस को आते देख उसने आत्म ह्त्या कर ली थी। अपनी इस गलती के लिए केजरीवाल ने कोई माफी भी नहीं मांगी थी।
2 – पीएम मोदी और प्रीति गांधी –
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बीजेपी की प्रीति गांधी ने एक ट्वीट किया था। इस ट्वीट में यह कहा गया था कि “विकिलिक्स के फाउंडर जूलियन असांजे ने यह कहा है कि अमेरिका मोदी से डरता है क्योंकि वे बेहद ईमानदार है।”
लेकिन विकिलिक्स ने कभी ऐसा नहीं कहा था बल्कि इस प्रकार की खबरें फैलाने के लिए विकिलिक्स ने प्रीति गांधी को झाड़ लगाई थी।
3 – संजय झा, कांग्रेस प्रवक्ता –
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संजय झा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर जारी की थी। इस तस्वीर में गुजरात के डीजीपी को बीजेपी नेता राजनाथ सिंह के पैर छूता हुआ दिखाया गया था। इसके बाद ट्विटर पर एक्टिव लोगों ने ही संजय झा को बता दिया था कि वे फेक तस्वीर डाल रहें हैं। इस पर संजय झा ने भी कोई माफी नहीं मांगी थी।
4 – परेश रावल, अहमदाबाद एमपी
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21 मई को परेशा रावल ने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्विट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था कि अरुंधति राय को आर्मी जीप के साथ बांध देना चाहिए तथा पत्रकार सागरिका घोष के साथ भी ऐसा ही करना चाहिए। खास बात यह है कि ये शब्द कभी परेश रावल ने कहे ही नहीं थे। आपको बता दें कि इस खबर को “पोस्टकार्ड न्यूज़” नामक एक वेबसाइट ने पब्लिश किया था।