रेड लाइट में एरिया यानि “महिलाओं की मंडी” के बारे में तो आपने सुना ही होगा, पर क्या आपने कभी “मर्दों की मंडी” के बारे में सुना है। आज हम आपको इस बारे में वो जानकारी दे रहें हैं जिसके बारे में आपने कभी सोचा तक नहीं होगा। “जिगोलो” शब्द आपने शायद सुना ही होगा। अगर नही सुना तो आपको बता दें कि इस शब्द से हमारे देश के बहुत कम लोग वाकिफ हैं। विदेशों में इस शब्द का मतलब “मेल प्रोस्टूट्यूट” होता है अर्थात प्रोस्टीट्यूशन का कार्य करने वाले पुरुष। हाल ही में एक रिसर्च से यह खुलासा हुआ है कि जिगोलो बनने वाले पुरुषों की संख्या मुंबई, चंडीगढ़, दिल्ली जैसे शहरों में लगातार बढ़ते जा रही हैं यानि इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि होती दिख रही है।
क्यों बनते हैं मर्द जिगोलो –
Image Source:
यह भी पढ़ें – चुंबन कॉम्पटीशन के तहत यहां खुलेआम लिया जाता है चुंबन, 37 वर्ष पुरानी है यह परंपरा
रिसर्च में सामने आये आंकड़ो से पता चला है कि इस धंधे में आने वाले युवक अधिकतर कालेज स्टूडेंट होते हैं। इसके अलावा बहुत से युवक पैसों की लालच में या पैसों की कमी के चलते भी इस धंधे में तेजी से उतर रहें हैं। इन युवाओं से बड़े घरानों की महिलाएं सेवायें लेती है जिसके बदले में इन लोगों को 3000-5000 रुपए दिए जाते हैं। कई शहरों के युवा रोजगार न होने के कारण भी जिगोलो बन जाते हैं और इस धंधे को अपनी कमाई का साधन बना लेते। हैं इस मामले में सरकार को अब कड़ा कदम उठाना ही चाहिए वरना देश जिस युवा शक्ति का दम भरता है वह रात की अंधेरी गलियों में कहीं गायब हो जाएगा।
कॉरपोरेट जगत की तरह होता है यह कार्य –
Image Source:
आपको जानकर हैरानी होगी कि युवाओं के जिस्म की सौदेबाजी का यह कार्य कॉरपोरेट जगत की तरह ही होता है। जिन लोगों को चयनित किया जाता है उनको अपनी कमाई का 20 प्रतिशत हिस्सा उस संस्था को देना पड़ता है जिससे वे जुड़े होते हैं। दिल्ली के बहुत से युवा इस कार्य को अपना प्रोफेशन बना चुके हैं तो बहुत से लोग अपनी लक्जरी लाइफ की जरूरतों को पूरा करने के लिए जिगोलो बन जाते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने देश में इस धंधे में उतरने वाले सबसे ज्यादा युवा वे हैं जो मेडिकल या इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहें होते हैं।