आज के दौर में अधिकतर लोग अपनी शारीरिक सुंदरता बढ़ाने और शरीर को ढकने के लिए कपड़े व जूते पहनते हैं। जूतों को लेकर ज्यादातर लोग काफी सचेत रहते हैं क्योंकि यह हमारी सुंदरता बढ़ाने के साथ साथ हमारे पैरों को चलते समय सुरक्षित भी रखता हैं। मगर हमारे देश में एक ऐसा स्थान भी मौजूद हैं जहां के लोगों ने आज तक चप्पल या जूते नहीं पहने हैं। यहां के लोग साल के 12 महीने अपना हर कार्य नंगे पैर करते हैं। इस स्थान का नाम “कलिमायन गांव” हैं।
यह स्थान मदुराई से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। आपको आज भी इस गांव में सब लोग नंगे पैर चलते दिखाई पड़ेंगे। इस गांव के लोग खुद तो बिना चप्पल और जूतों के रहते ही हैं साथ साथ यह अपने बच्चों को भी यह सब नहीं पहनने देते। यदि गांव का कोई व्यक्ति चप्पल या जूता पहन लेता हैं तो गांव की ओर से उसे सजा सुनाई जाती हैं।
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आस्था के कारण नहीं पहनते हैं चप्पल-जूते –
इस गांव में जूते या चप्पल आखिर क्यों नहीं पहनते हैं इसके पीछे इन लोगों का अपना एक तर्क हैं। असल में इस गांव के निवासी “अपाच्छी” नामक एक लोक देवता की उपासना करते हैं और उसके प्रति अपनीं श्रद्धा दर्शाने के लिए ही ये लोग जूते या चप्पल जैसी चीजों का उपयोग नहीं करते हैं। इस प्रकार से देखा जाए तो कलिमायन गांव के लोग अपनी धार्मिक प्रवत्ति के कारण ऐसा करते हैं। हम लोग भी सामान्यतः मंदिर आदि स्थानों के अंदर जूते-चप्पल पहन कर नहीं जाते हैं। उसी तरह इन लोगों के लिए इनका गांव ही इनका मंदिर इसलिए यह सब गांव में जूते या चप्पल नहीं पहनते।