परमाणु बम के बारे में तो आप जानते ही होंगे, पर क्या आप जानते हैं कि हजारों वर्ष पहले भारत में परमाणु बम का उपयोग किया गया था। अगर आपको यकीन नहीं हो रहा तो आज हम आपको इस बारे में ही जानकारी दे रहें हैं। आपको बता दें कि हजारों वर्ष पहले हुए “महाभारत” के युद्ध में परमाणु बम जैसे बमों का उपयोग हो चुका है। इस बात खुलासा का J.Robert Oppenheimer ने किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि J .Robert Oppenheimer को Father of Atomic Bomb भी कहा जाता है। इन्होने अपनी रिसर्च में गीता तथा महाभारत नामक ग्रंथों का बारीकी से अध्ययन किया और पाया की महाभारत में जिस “ब्रह्मास्त्र” का जिक्र है वास्तव में वह परमाणु बम ही था। J .Robert ने अपने द्वारा की गई खोज को “ट्रिनिटी” यानि त्रिदेव का नाम दिया। असल में 1939 से 1945 के मध्य J .Robert तथा एक वैज्ञानिकों की टीम ने यह रिसर्च की थी जो अब अब दुनियां के सामने आई हैं।
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J .Robert की इस रिसर्च के बाद आज से करीब 42 वर्ष पहले पुणे के डॉक्टर व लेखक पद्माकर विष्णु वर्तक ने भी इस विषय पर अपनी खोज की थी और उन्होंने बताया कि महाभारत के युद्ध में जिस “ब्रह्मास्त्र” का वर्णन हुआ है वह असल में परमाणु बम ही था। महाभारत के युद्ध में लाखों लोगों के एक साथ मरने के कई किस्से सामने आये हैं जिनसे यही पता लगता है कि उस समय परमाणु बम का उपयोग किया गया होगा क्योकि इतनी बड़ी जन हानि किसी साधारण अस्त्र से संभव नहीं थी। इसके अलावा मोहनजोदाड़ो, हड़प्पा की खुदाई में भी कई नगर मिले हैं जोकि 5 से 7 हजार वर्ष ईसा पूर्व के हैं। इनमें मिले नर कंकालों की स्थिति से पता लगता है कि किसी भयंकर प्रहार के बाद ही इन लोगों की मौत हुई होगी। इन स्थानों पर इस बात के भी सबूत मिले हैं कि यहां पर किसी समय बड़े स्तर पर रेडिएशन और ऊष्मा थी जो की परमाणु बम के विस्फोट से ही पैदा होती है। इस प्रकार से देखा जाए तो यह सिद्ध होता ही है कि महाभारत के युद्ध में परमाणु बम का प्रयोग हुआ था।