रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा वर्तमान में काफी चर्चा में है। आज भी लगभग प्रतिदिन न्यूज़ पेपर या न्यूज़ चैनल्स में रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर कोई न कोई खबर लगतार आ रही है। इस मुद्दे पर आज लगभग सभी देशों की सरकारों ने चुप्पी साध रखी है, पर एक ऐसा संगठन भी है जो जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए उनके साथ हमेशा खड़ा होता है। आज भी यह संगठन मानवीयता की खातिर रोहिंग्या मुस्लिमों की सहायता के लिए आगे आया है।
आपको हम बता दें कि वर्तमान में रोहिंग्या मुस्लिम बड़ी संख्या में बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित हैं और उनको यहां न बांग्ला देश की ओर से कोई सुविधा मिली हुई है और न ही म्यांमार की ओर से। इस स्थान पर ही “खालसा ऐड” नामक एक सिक्ख संगठन पिछले 3 दिनों से रोहिंग्या मुस्लिम परिवारों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहा है। इस संगठन के लोग बांग्लादेश के बार्डर पर स्थित कैम्पों में रहने वाले मुस्लिम लोगों को पानी व खाने के पैकेट बांट रहें हैं।
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सरकार की ओर से खालसा ऐड को परमिशन मिल चुकी है और अब यह संगठन मुस्लिम लोगों के लिए एक बड़ा लंगर यहां लगाने की तैयारी में हैं, जिसको “गुरू का लंगर” नाम दिया गया है। इस लंगर की शुरूआत करने से पहले इस संगठन के सभी लोग “अरदास” करते हैं। जिसमें सभी लोग हिस्सा लेते हैं इसके बाद ही लंगर बांटने का कार्य शुरू होता है। संगठन से जुड़े Volunteers इस बात का हमेशा ध्यान रखते हैं कि कैम्प में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये।
इस प्रकार से “खालसा ऐड” नामक यह सिक्ख संघठन वर्तमान में बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर रोहिंग्या मुस्लिम लोगों की निःस्वार्थ सेवा में लगा हुआ है। देखा जाए तो यही बात हमारे देश को अन्य सभी देशों से अलग करती है कि हम लोगों में मानवीयता तथा मानववादी सोच जितनी है उतनी अन्य किसी भी देश के लोगों में नहीं मिलती।