वर्तमान में पितृपक्ष चल रहा है और लोगों अपने पूर्वजों का पिंडदान कर रहें हैं। इस अवसर पर पूर्वजों के लिए निकाला गया भोजन कौओं को खिलाया जाता है। यही कारण है कि वर्तमान में दीपू नामक इस लड़के की भारी मांग चल रही है। असल में दीपू कौओं की भाषा बोल लेता है और इसके बुलाने पर कौवे बहुत जल्दी ही इकट्ठा हो जाते हैं।
आप शायद इस बात पर विश्वास न करें, पर असल में यह सही बात है। बहुत से लोग इसी कारण दीपू को यमराज का संदेशवाहक समझते हैं तो कुछ उसको “क्रो बॉय” कहते हैं। आपको हम यह बता दें कि दीपू नामक यह लड़का उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में रहता है। दीपू का कहना है कि कौवे उसके दोस्त हैं और वह उनको कभी भी तथा कहीं भी बुला सकता है। पितृ पक्ष में दीपू लोगों के लिए रामगंगा नदी पर कौओं को बुलाता है ताकि लोग अपने पूर्वजों के तर्पण का खाना उनको खिला सकें। दीपू यह कार्य निशुल्क करता है।
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आपको हम बता दें कि दीपू की कौओं से दोस्ती 2015 में हुई थी। असल में उस वर्ष दीपू के पिता की मृत्यु टीवी की बीमारी से हो गई थी। 3 लोगों के परिवार में दीपू एकमात्र लड़का था। अपने परिवार को पालने के लिए दीपू ने कचरे से रिसाइकिल चीजों को इकट्ठी करना शुरू कर दिया। दीपू अपनी और कौओं की दोस्ती के बारे में बताता है कि एक बार वह कचरे से कुछ चीजें बटोर रहा था।
तब उसने देखा कि वहां कुछ कौवे बैठे थे। दीपू ने उन कौवों की आवाज को ध्यान से सुना और उनकी तरह से बोलने लगा। इस घटना के बाद में दीपू उस स्थान पर रोज जाता और कौओं की तरह आवाज निकालता। इस प्रकार करने पर कौवे भी उसकी बात का जवाब देते। इसी तरह से दीपू और कौओं की दोस्ती हो गई। दीपू कहता है कि वह अब कौओं को किसी भी स्थान पर बुला सकता है।