गाय को माता का दर्जा दिया गया है। बहुत से लोग प्रतिदिन गाय को रोटी भी खिलाते हैं, पर अपने देश में एक ऐसा भी गांव है जहां के प्रत्येक घर में गाय के लिए एक रोटी जरूर बनाई जाती है। आज हम आपको इस गांव के बारे में ही बता रहें हैं। गाय को राजनैतिक मुद्दा बनाने वालों की कमी नहीं है, साथ ही इसके नाम पर कई लोग हिंसा भी फैलाते हैं। गाय को सामान्य तौर पर सद्भावना वाले पशु के रूप में समाज में देखा जाता है। गाय असल में एक ऐसी प्राणी है जिसके शरीर का प्रत्येक अवशेष मानव जीवन को परिपुष्ट करता है। आज हम आपकों जिस गांव के बारे में बता रहें हैं वह इस गाय के कारण ही दिन प्रतिदिन प्रचलित होता चला जा रहा है। आपको हम बता दें कि गौ सेवा के कार्य को करने वाले इस गांव का नाम “फूलगांवड़ी” है। धार राजगढ़ के अंतर्गत आने वाला यह गांव मध्य प्रदेश में स्थित है।
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यह गांव वर्तमान में काफी सुर्खियों में है और इसका कारण है यहां के निवासी लोगों की गौ सेवा की भावना। आपको बता दें कि इस गांव के प्रत्येक परिवार से गायों के भोजन के लिए एक एक रोटी प्रतिदिन बनाई जाती है, साथ ही इस गांव की महिलाएं भी गौ सेवा के लिए एक एक रूपया प्रति परिवार से जोड़ती हैं। इस गांव में गायें राजनैतिक मुद्दा नहीं, बल्कि श्रध्दा का केंद्र हैं। आपको हम बता दें कि इस गांव में “श्रीकृष्ण गोवर्धन गौशाला” नामक एक गौशाला भी मौजूद है जहां पर करीब 110 गायों का पालन होता है।
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गांव के 300 परिवारों से प्रतिदिन एक-एक रोटी यहां रोज आती है। रोटियों को इकट्ठा करने का कार्य भी गांव के लोग बारी बारी से करते हैं। इस प्रकार से देखा जाएं तो सभी लोग एक साथ मिलकर इन गायों के लिए प्रतिन भोजन की व्यवस्था कर देते हैं। गांव में बनी गौशाला के अध्यक्ष बाबूलाल ओतवाल ने इस बारे में बताते हुए कहा कि “गांव के ही सभी लोगों ने गायों के भोजन के लिए रोटियों की व्यवस्था की है। गांव की महिलाओं ने भी गौसेवा तथा गायों के भरण पोषण के लिए एक एक रूपया जोड़ना शुरू किया है। इस कार्य की पहले 10 महिलाओं ने शुरुआत की थी, पर अब उनकी संख्या बढ़ कर 60 हो चुकी है।” अब इस गांव में “गोबर गैस संयंत्र” बनाने की योजना भी शुरू होने जा रही है। कुल मिलाकर देखा जाए तो गायों ने इस गांव की किस्मत को बदल दिया है और इस गांव को देश भर में प्रसिद्ध कर दिया है।