भगवान गणेश का एक नाम “एकदंत” भी है, पर बहुत कम लोग जानते हैं कि उनका यह नाम कैसे पड़ा, इसलिए आज हम आपको इस बारे में ही जानकारी दे रहें हैं ताकि आप भी उस समय घटी इस घटना से परिचित हो सकें, जिसके कारण भगवान गणेश का नाम एकदंत पड़ा। हम आपको बता दें कि इस संबंध में 2 कथाएं मिलती है। आज हम आपको इन दोनों ही कथाओं से परिचित करा रहें हैं। आइए जानते हैं इन दोनों कथाओं के बारे में।
1 – परशुराम और भगवान गणेश का युद्ध –
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कथा आती है एक बार भगवान परशुराम कैलाश पर भगवान शिव से मिलने के लिए आए थे। द्वार पर उनका रास्ता भगवान गणेश ने रोक लिया। परशुराम ने काफी मिन्नत की पर गणेश न मानें, इसके बाद परशुराम ने भगवान गणेश को युद्ध की चुनौती दे दी और दोनों में युद्ध शुरू हो गया। परशुराम ने अपने फरसे का वार जब भगवान गणेश पर किया तब उनका एक दांत टूट गया। इसके बाद वे “एकदंत” कहलाने लगें।
2 – महर्षि वेदव्यास और भगवान गणेश –
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इस कथा में आता है कि महर्षि वेदव्यास ने जब महाभारत लिखने का क्रम शुरू किया, तब उन्होंने इस कार्य को पूरा करने के लिए भगवान गणेश से लिखने का आग्रह किया। भगवान गणेश मान गए पर उन्होंने महर्षि वेदव्यास से यह शर्त रखी, वे ग्रंथ के पूरा होने तक बोलना बंद नहीं करेंगे। महर्षि वेदव्यास ने इस शर्त को मान लिया। इस ग्रंथ को लिखने के लिए भगवान गणेश ने अपने एक दांत को तोड़ कर उसकी कलम बना ली, इसलिए उस समय से वे एकदंत कहलाए जाने लगे।