वैसे तो आजकल युवाओं में टैटू बनवाने का काफी प्रचलन है, पर एक ऐसी जनजाति भी जहां की महिलाएं अपने शरीर के कई हिस्सों पर टैटुओं को काफी प्राचीन समय से बनवा रही हैं। जी हां, आज के युवाओं को अक्सर यह लगता है कि टैटू का प्रचलन उनके इस जमाने में ही हुआ है, पर ऐसा असल में है नहीं। टैटू बनवाने का प्रचलन भारत में काफी प्राचीन समय से रहा है और आज भी बहुत सी आदिवासी जनजातियों में आप इस प्रकार की परंपराओं को देख सकते हैं, जिनमें महिला या पुरुष को अपने शरीर पर टैटू को बनवाना अनिवार्य रहता है। आज हम आपको एक ऐसी ही जनजाति के बारे में यहां बता रहें हैं जिसमें महिलाएं तथा लड़कियां अपने शरीर पर टैटू बनवाती हैं।
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महिलाओं के शरीर पर टैटू बनवाने वाली इस जनजाति का नाम “बग्गा जनजाति” है। बग्गा नामक इस जनजाति की महिलाओं तथा लड़कियों के शरीर पर टैटू बनवाना अनिवार्य माना जाता है, इसीलिए 12 से 20 वर्ष की आयु में ही लड़की के शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर टैटू बनवा दिया जाता है। इस जनजाति में ऐसा माना जाता है कि महिलाओं के शरीर पर बने टैटू मर्दों की बुरी नजर से महिलाओं की रक्षा करते हैं। आपको हम बता दें कि इस टैटू बनवाने की प्रक्रिया में काफी दर्द होता है और बड़ी महिलाएं अपने से छोटी लड़कियों को ढांढस बंधा कर इस प्रक्रिया को पूरी कराती हैं। शुरूआत में यह टैटू इस जनजाति के राजा की नजरों से बचाव के लिए महिलाएं बनवाती थी, पर बाद में इस कार्य ने एक परंपरा का रूप ले लिया जो कि वर्तमान में भी जारी है।