125 सालों से पुरानी कंपनी के विज्ञापन की गलती 3rd क्लास की बच्ची ने पकड़ी

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अक्सर देखा जाता है कि हम जो भी घर पर समान लाते हैं उस पर लिखी गई बातों को अनदेखा कर जाते हैं या फिर कभी पढ़ते है तो उसे गहराई से पूरा ना पढ़कर छोड़ देते है। लेकिन कभी-कभी कुछ काम ऐसे हो जाते है जो बड़े नहीं कर पाते और बच्चे कर जाते हैं। इसी तरह से एक नौ साल की छोटी से बच्ची ने 125 सालों से भी पुरानी एक कंपनी के लंबे समय से चले आ रहे विज्ञापन की गलती को पकड़कर हम सभी को शर्मसार कर दिया।

दरअसल मामला तब सामने आया जब इस 9 साल की बच्ची को जूस पीने को दिया गया और उसनें यह कहकर पीने से मना कर दिया कि उस पर जेंडर को डिफाइन करने वाला वर्ड्स लिखा हुआ था।

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जानें इस मामले के बारे में-
बैंक में नौकरी करने वाले मृगांक मजूमदार अपनी बच्ची के लिए डाबर कंपनी का ‘रियल’ जूस का पैकेट लाए थे। जिसकी टैगलाइन थी, “Something that is good for your child should also make him smile.” जिस पर किसी की नजर नहीं पड़ी, पर जब उनकी बेटी नें इस टैग को पढ़ा तो उस जूस को पीने से इंकार कर दिया।

पापा मैं ये जूस नहीं पियूंगी…
टैगलाइन पर लिखे वर्ड्स के पढ़कर बच्ची ने अपने पापा से कहा कि मैं ये जूस नहीं पी सकती। क्योंकि ये लड़कियों के लिए नहीं सिर्फ लड़कों के लिए है। पापा के पूंछने पर उस बच्ची ने समझाया कि इंग्लिश ग्रामर पर ‘him’ का उपयोग पुल्लिंग के लिए और ‘her’ का उपयोग स्त्रीलिंग के लिए होता है।
लड़की के पिता को भी ये बात गलत लगी और उन्होंने तुंरत ही इस कंपनी को शिकायती मेल भेज दिया।

मेल का ‘डाबर’ ने नहीं दिया था जबाव
लेकिन जब बच्ची के पिता को भेजे गए मेल का जवाब नहीं मिला तो उन्होनें इस बात की सूचना महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को चिट्ठी के द्वारा दी। जिस पर मेनका गांधी ने तुंरत इस विषय पर जवाब मांगा और डाबर के द्वारा इसका जबाब बुधवार को मिला।

125 सालों से पुरानी है डाबर कंपनी
इस कंपनी की शुरूआत आज से 125 साल पहले 1884 में एक बर्मन परिवार के द्वारा की गई थी। उस समय में इस कंपनी को एक छोटी आयुर्वेदिक दवा कंपनी के रूप में खोला गया था और वहीं आज के समय में यह कंपनी पूरी दुनिया के 60 से अधिक देशों में फैल चुकी है। जिससे सिर्फ विदेशों में ही इसका कारोबार करीब 500 करोड़ रुपए का है।

क्या रहा कंपनी का जवाब
डाबर की कपंनी ने अपने जबाब में बताया है कि इस वर्ड्स का उपयोग हमने जनरल टर्म में किया था। ये शब्द किसी खास जेंडर के लिए नहीं है। इसे गलत समझा जा रहा है। पर हम इसे बदल देगें। कंपनी ने ये भी कहा कि वे इस बात के लिए जरूरी कदम उठाएंगे ताकि भविष्‍य में इस तरह की गल‍तफहमी ना हो।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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