सड़क पर हमेशा ना जाने कितनी ही किलें पड़ी रहती हैं। जिनकी वजह से आए दिन हमारी कार और बाइक पंचर होती है। हम ऐसी परेशानी में फंसने पर पंचर बनवाने निकल जाते हैं, लेकिन बेंगलुरू में रहने वाले बेनेडिक्ट जेबाकुमार की कहानी ही कुछ अलग है। बाइक को पंचर की दुकान पर ले जाने से बेहतर उन्हें सड़क पर पड़ी कीलों के बारे में ध्यान आया और लग गए वह उन्हें चुनने में।
दरअसल बेनेडिक्ट रोज बाहरी रिंग रोड के रास्ते ऑफिस जाते थे, लेकिन कई बार उनकी बाइक पंचर हो जाया करती थी। एक बार उन्होंने अपने दिमाग पर जोर डाला और सोचा कि उनकी बाइक हमेशा सिल्क रोड पर ही पंचर हो रही है। जिसके बाद उन्होंने यह तय किया कि वह अपने हाथों से उस रास्ते की सारी किलों का सफाया करेंगे।
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हालांकि पहले बेनेडिक्ट को यह लगता था कि उनके बाइक का टायर ही खराब होगा इसलिए रोजाना वह पंचर हो रही है, लेकिन जब कभी वह पंचर की दुकान पर जाते तो उनकी बाइक की टायर से एक ना एक कील जरूर निकलती थी, जिसके बाद वह ऐसा फैसला लेने पर मजबूर हो गए। बता दें कि 44 साल के बेनेडिक्ट पेशे से सिस्टम इंजीनियर हैं और वह इनट्यूट टेक्नोलॉजी सर्विस में काम करते हैं। बेनेडिक्ट ने साल 2014 में सड़कों से कील चुननी शुरू कर दी। पहले वह कील चुनने के लिए हाथों का इस्तेामल करते थे, लेकिन फिर वह एक चुंबक स्टिक की मदद से यह काम करने लगे।
बेनेडिक्ट सुबह सात बजे घर से निकल कर उस सड़क पर जाते थे और कीलों को चुनना शुरू कर देते हैं। वहीं शाम को वह ऑफिस से लौटते समय भी इस काम को दोहराते हैं। शाम होते-होते उनका बैग कीलों से भर जाता है। बीते 21 मार्च को उन्होंने 1654 कीलों को सड़क से चुना और एक नया रिकॉर्ड कायम किया।
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उनका कहना है कि कीलों का सड़कों पर पड़ा होना बदमाशों की चाल होती है। ज्यादातर पंचर की दुकान वाले ऐसा काम करते हैं ताकि उनकी कमाई होती रहे, लेकिन वह लोग शायद यह नहीं जानते कि ऐसा करने से कितनी बड़ी घटना घट सकती है।
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बता दें कि अक्टूबर 2014 में बेनेडिक्ट ने फेसबुक पर `My Road My Responsibility’ नाम का पेज बनाया, जिस पर वह रोजाना मिलने वाली कीलों के आंकड़ों को शेयर करते हैं।