शायद आप नहीं जानते होंगे की आसमान से नीचे की और गिरने वाले पत्थर आपको करोड़पति बना सकते हैं। इस पत्थरों को उल्का पिंड कहा जाता है, कई लोगों बहुत सी दुर्लभ चीजों के शौकीन होते हैं, इस प्रकार के लोगों को उल्का पिंड बहुत पसंद आते हैं। इस प्रकार के दूसरे ग्रहों की चट्टान के टुकड़े लगभग दुनिया के हर कोने पर मिलते हैं और इनकी बोली करोड़ो रूपए में लगाई जाती है। हलांकि इस प्रकार के पत्थरों को पहचानना आसान नहीं होता है, पर कुछ खास तरीकों से आप जान जाते हो की यह पत्थर स्पेस का है या धरती का ही है।
आइये जानते हैं उल्का पिंड को पहचानने के तरीकों को –
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1- लैब टेस्ट-
उल्का पिंड को पहचानने का सबसे आसान और अच्छा तरीका लैब टेस्ट ही है, आप अपनी चट्टान का छोटा सा हिस्सा किसी भी जिओलॉजिस्ट लैब में भेज कर टेस्ट करा सकते हैं और सर्टिफिकेट पा सकते हैं। साथ ही यूनिवर्सिटी की लैब में भी चैक करा कर टेस्ट करा सकते हैं, लेकिन इन तरीकों का इस्तेमाल करने से पहले आप यह अच्छे से भरोसा कर ले की आप का सेम्पल स्पेस का ही है। अन्यथा हर टुकड़ा न तो टेस्ट के लिए भेजना सही है और न ही फायदेमंद।
2- स्वयं कैसे जाने –
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आमतौर पर इलाके के सभी पत्थर लगभग एक जैसे ही होते हैं पर उल्का पिंड उनसे अलग होते हैं। यदि आपको अपने इलाके के बारे में सही से जानकारी है तो आप उल्का पिंड के पत्थर को आसानी से पहचान सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें की जब उल्का पत्थर धरती की हीट शील्ड में पहुंचते हैं तो आमतौर पर उल्का पिंडो के किनारे नुकीले नहीं रह जाते हैं, वे हीट से घिस जाते हैं। जमीन पर गिर कर ऐसे पत्थर टूट जाते हैं तो उनके नुकीले किनारे निकल आते हैं पर टूटे हुए और घिसे हुए किनारों को थोड़ी मेहनत से पहचाना जा सकता है।
3- कुछ अन्य तरीके –
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बहुत कम लोग जानते हैं की उल्का पिंडों में काफी मात्र में आयरन मिलता है इसलिए अधिकतर उल्का पिंड चुम्बक की और आकर्षित होते हैं। मेगनेट टेस्ट के पास करने के बाद इसकी उल्का पिंड होने की सम्भावना बढ़ जाती है। दूसरी और सभी उल्का पिंड सामान्यत: ज्यादा सघन होते हैं यानि अपने बराबरी के आकर के पत्थर से ये 30 प्रतिशत भारी होते है, ऐसे में आप वजन से अंदाजा लगा कर भी यह पता कर सकते हैं की कोई पत्थर का टुकड़ा उल्का पिंड है या नहीं। यदि पत्थर का टुकड़ा अपने आकार से भी भारी है तो भी आप इसका टेस्ट करा सकते हैं।
