‘दादासाहेब फाल्के’ अवॉर्ड से सम्मानित होंगे अभिनेता मनोज कुमार

-

1957 से साल 1995 तक फिल्मों में अपना सक्रिय योगदान देने वाले अभिनेता मनोज कुमार के लिए आखिरकार वो दिन अब जल्द ही आने वाला है जब उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। ‘पूरब और पश्चिम’, ‘क्रांति’ और ‘उपकार’ जैसी देशभक्ति फिल्में बनाकर उन्होंने लोगों के दिलों में देशभक्ति जगाने जैसा काम किया है। जिसके लिए उन्हें लोग भारत कुमार के नाम से भी संबोधित करते हैं।

वैसे तो अभिनेता मनोज कुमार का नाम इस अवॉर्ड के लिए काफी समय से चर्चाओं में था, लेकिन कल सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से उनके नाम की घोषणा होने के बाद उन्हें यह अवॉर्ड मिलना कन्फर्म हो गया है। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता-निर्माता-निर्देशक रहे मनोज कुमार ने इसकी सूचना मिलते ही अपनी पहली प्रतिक्रिया में अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने अवॉर्ड के लिए नाम की घोषणा होने पर कहा कि वह इस अवॉर्ड के मिलने की सूचना पर काफी खुशी महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी फिल्मों में दिल से देशभक्ति की है। साथ ही लोगों में देशभक्ति की भावना को जगाने का काम किया है। ऐसे में इस वक्त खुशी में बस मुझे इस पल अपनी ही एक फिल्म का गीत याद आ रहा है-‘भारत का रहने वाला हूं भारत की बात सुनता हूं।‘

वैसे-तो-अभिनेता-मनोज-कुमार-का-नाम-इस-अवॉर्ड-के-लिए-काफी-समय-से-चर्चाओं-में-था,Image Source :http://www.khaskhabar.com/

बता दें कि मनोज कुमार के लिए अवॉर्ड का नाम घोषित होते ही उनको सोशल मीडिया से लेकर पूरे बॉलीवुड की तरफ से बधाई देने वालों का तांता लग गया है। वहीं, उन्हें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुण जेटली ने भी फोन कर इस अवॉर्ड के लिए बधाई दी है। आपको बता दें कि इस अवॉर्ड के लिए मनोज कुमार के नाम की सिफारिश लता मंगेशकर, सलीम खान, आशा भोसले, नितिन मुकेश और अनूप जलोटा की पांच सदस्यीय जूरी ने की थी। इस अवॉर्ड के रूप में मनोज कुमार को एक गोल्डन लोटस, 10 लाख रुपए कैश और एक शॉल प्रदान किया जाएगा।

बता-दें-कि-मनोज-कुमार-के-लिए-अवॉर्ड-का-नाम-घोषित-होते-हीImage Source :http://www.planetradiocity.com/

वैसे उन्हें फिल्म उपकार के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिला चुका है। वहीं, साल 1992 में उन्हें भारत सरकार की तरफ से पद्मश्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। उनकी प्रसिद्ध फिल्में ‘हरियाली और रास्ता’, ‘हिमालय की गोद में’, ‘वो कौन थी’, ‘दो बदन’, ‘पत्थर के सनम’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘उपकार’, ‘शहीद’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ तथा ‘क्रांति’ जैसी फिल्में हैं। उनका जन्म एबटाबाद में हुआ था जो कि आजादी के पहले भारत का ही हिस्सा था। उनका पूरा नाम हरिकृष्ण गिरि गोस्वामी था जो बाद में जाकर मनोज कुमार से भारत कुमार के रूप में लोगों के दिल में बस गये। उन्होंने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से स्नातक किया है। साथ ही साल 1960 में अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत ‘कांच की गुड़िया’ से की थी, लेकिन उनकी सफलता को उड़ान ‘हरियाली और रास्ता’ से मिली थी। जिसके बाद वह पूरी तरह लोगों के दिलों में छा गए।

Share this article

Recent posts

Popular categories

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Recent comments