टीबी एक भयंकर और जानलेवा बीमारी है। इस बीमारी से दुनियाभर में हर साल हज़ारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए सलाइवा के नमूने की जांच की जाती है, लेकिन मेडिकल साइंस के नरंतर प्रयासों से अब टीबी की जांच एक साधारण से ब्लड टेस्ट से भी हो पाएगी।
अमेरिका के रिसर्चर्स ने एक ऐसे ब्लड टेस्ट को निजात किया है जिससे आसानी से टीबी की जांच की जा सकती है। दरअसल अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट ने एक जीन का पता लगाया है, जो व्यक्ति के शरीर में टीबी के बैक्टीरिया की पहचान कर सकता है। इस तरीके से लेटेंट टीबी का पता लगाया जा सकता है। लेटेंट टीबी में व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ ही महसूस करता है। इस दौरान उसे अपने में टीबी के कोई लक्षण नज़र नहीं आते।
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ऐसा माना जा रहा है कि अविकसित कस्बों और गांवों में इस खोज से काफी फायदा पहुंचेगा, क्योंकि ऐसी जगहों पर अमूमन बिजली बहुत कम आती है। यहां पर बिना बिजली का प्रयोग कर होने वाले ब्लड टेस्ट और सौर ऊर्जा से संचालित होने वाले पीसीआर मशीनों का ही इस्तेमाल हो पाता है। अगर साधारण ब्लड टेस्ट से टीबी की जांच हो पाई तो इससे ऐसे इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी लाभ मिल सकता है। इससे उन्हें काफी जल्दी और बिना दूर जाए टीबी की बीमारी का पता चल पाएगा।
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स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पूर्वेष खत्री की मानें तो यह जांच सिर्फ डाएग्नॉज़ तथा उसके इलाज के विषय में नहीं बताती, बल्कि इससे कई तरह के इलाज के प्रभावों की स्टडी भी हो पाएगी। इस जांच के नतीजे काफी सटीक हैं। टीबी के इलाज में यह जांच बहुत मददगार साबित होगी।
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इस जांच को खत्री नाम दिया गया है। अगर किसी को लेटेंट टीबी है और उस व्यक्ति ने पहले ही टीबी का इंजेक्शन लगवाया हुआ है तो यह टेस्ट पॉजिटिव नतीजे नहीं दिखाएगा। मतलब इस टेस्ट से आपकी बीमारी का पता नहीं लग पायेगा। यह टेस्ट बच्चों में 86 फीसदी संवेदनशील है, जबकि युवाओं में यह टेस्ट प्रभावी तरीके से कारगार है।