नीरजा भनोट जिसने अपने अदम्य साहस और बहादुरी के साथ आतंकवादियों से लड़ते हुए 359 यात्रियों की जान बचाई और खुद इस लड़ाई में वीर गति को प्राप्त हो गई। उस बहादुर नीरजा भनोट की कहानी पर आधारित फिल्म नीरजा सभी को बहादुरी के साथ लड़ने का संदेश देती है और बताती है कि “सिर कटा सकते हैं, लेकिन सिर झुका सकते नहीं”। इसी बहादुरी के साथ जीना ही हमारी जिंदगी है।
साल 1986 में हुए एक विमान हाईजैक ने जब पूरे देश को हिलाकर रख दिया तब एयरहोस्टेस नीरजा भनोट ने अपने साहसिक पराक्रम से अपनी जान की बाजी लगा कर सैकड़ों यात्रियों की जान बचाई थी। इस फिल्म में डायरेक्टर राम माधवानी ने ‘नीरजा भनोट’ की जिंदगी से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं को दिखाते हुये उनके साहसिक कारनामे को रूपांतरित करने का सरहानीय प्रयास किया है। इस फिल्म कोदर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। यहां हम बता रहे हैं सोनम कपूर स्टारर फिल्म ‘नीरजा’ के बारे में।
कहानी
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सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म की कहानी मुंबई के नवजीवन सोसाइटी में रहने वाली एयर होस्टेज नीरजा भनोट, जिसका रोल सोनम कपूर ने किया है पर अधारित है। वह अपनी मां (शबाना आजमी), पिता (योगेन्द्र टिक्कू) व अपने दो छोटे भाइयों के साथ रहती है। नीरजा भनोट काफी सुंदर है, साथ ही वह एक अच्छी मॉडल और एयर होस्टेस है। परिवार वालों के अलावा उसकी जिंदगी में उसके लवर जयदीप (शेखर रवजियानी) भी हैं।
फिल्म की कहानी 5 सितम्बर 1986 के दर्दनाक हादसे से शुरू होती है। जब एयर होस्टेस नीरजा की ड्यूटी मुंबई से न्यूयॉर्क जाने वाली फ्लाइट Pan Am Flight 73 में लगाई गई तब किसी को नहीं मालूम था कि इस उड़ान में नीरजा हमेशा के लिये ही चली जायेगी। जब यह फ्लाइट करांची में लैंड करने के बाद आगे बढ़ी तो आतंकवादियों द्वारा हाईजैक कर ली गई। फ्लाइट में बैठे 360 यात्री, जिसमें 3 बच्चे भी शामिल थे आतंकियों के खौफ से घिर जाते हैं। फ्लाइट के भीतर अकेले नीरजा अपनी बुद्धि और पराक्रम से लगभग 16 घंटे की जद्दोजहद में फ्लाइट में मौजूद 360 यात्रियों की जान बचाते हुए आखिरी सांस तक लड़ती रही और अंत में आतंकियों की बंदूक का शिकार बन कर बहादुर नीरजा मौत की गहरी नींद सो गई।
स्क्रिप्ट
नीरजा फिल्म के डायरेक्टर राम वाधवानी हैं। फिल्म की कहानी सैवीन कुदरस के द्वारा लिखी गई है। इसका स्क्रीनप्ले काफी अच्छा है। इस फिल्म में कराची, दोहा, मुंबई, पाकिस्तान और फ्लाइट के भीतर होने वाली घटनाओं को जिस तरह से दिखाया गया है वो काफी काबिल-ए-तारीफ है। यह सब दर्शकों को फिल्म से ज्यादा समय तक बांधे ऱखने में विशेष भूमिका निभाता है। इस फिल्म की कहानी में फ्लैश बैक और वर्तमान को इस प्रकार से दिखाया गया है जो बिल्कुल भी कहानी के फ्लो को बाधित नहीं करता है,बल्कि पूरे तारतम्य को बनाए रखता है। फिल्म की कहानी में नीरजा के साथ-साथ आतंकवादियों, यात्रियों और नीरजा के माता-पिता के किरदार को भी बखूबी निखारा गया है। कहानीकार ने अपनी पूरी मेहनत से इसमें जान डाल दी है, जिससे बहुत ही उम्दा स्क्रिप्ट तैयार की गई है।
अभिनय
नीरजा फिल्म में सोनम के किरदार और महत्वपूर्ण अभिनय ने इस फिल्म में जान डाल दी है, जिसे लोग काफी सराह रहे हैं। शबाना आजमी ने सोनम की मां की भूमिका को काफी अच्छी तरह से निभाया है। फिल्म में सोनम का काफी अच्छा परफॉर्मेंस रहा है। वहीं, पहली बार एक्टिंग करते हुए म्यूजिक डायरेक्टर शेखर रवजियानी ने भी नीरजा के बॉयफ्रेंड के रूप में अच्छा काम किया है। योगेन्द्र टिक्कू ने नीरजा के पिता के पिता का रोल निभाते हुए काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। वहीं, दूसरी ओर आतंकवादियों कीभूमिका निभा रहे सह कलाकारों की विशेष भूमिका ने फिल्म में जान डाल कर इसे सराहनीय बना दिया है। जिसे देख दर्शक उस समय हुई घटना की भयावहता को काफी हद तक महसूस भी कर सके। इसमें इमोशन्स भी काफी अच्छे दिखाये गये हैं। इस फिल्म में आपको भावनात्मक उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। जिससे यह फिल्म लोगों को काफी पसंद आई है। वाह गजब इस फिल्म को 4.5 स्टार देता है।
फिल्म का नाम: नीरजा
डायरेक्टर: राम माधवानी
स्टार कास्ट: सोनम कपूर, शबाना आजमी, शेखर रवजियानी, योगेन्द्र
अवधि: 2 घंटा 02
सर्टिफिकेट:U
रेटिंग: 4.5 स्टार