यहां महिलाएं होती हैं बच्चे पैदा करने के लिए तथा लड़के देते हैं यौन संतुष्टि

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सेक्सुअल अब्यूज एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनते ही आपके मन में किसी महिला या लड़की की तस्वीर अकस्मात उभर आती है, एक ऐसी लड़की जिसके साथ कुछ ऐसा किया गया है जो की नैतिकता तथा कानूनी रूप से गलत हो, पर आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बता रहें हैं, जो एक अलग ही कहानी बयां कर रही है, आइए जानते हैं इस देश के बारे में।

NORTH OF KABUL, AFGHANISTAN- NOVEMBER 22: A young Afghan Batcha Bazi (Dancing Boy) performs a dance in a private party on November 22, 2008 in a small city in the north of Afghanistan. A Batch Bazi is a young boy taken from his family to dance for male audience, the boys are often sexually assaulted and are kept like concubines until the age of 20. Officially the practice is prohibited but it has flourished recently due to the lawlessness of the country. (Photo by Ghaith Abdul-Ahad/Getty Images)

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लड़को से यौन संबंध बना कर संतुष्टि के ट्रेडिशन को फॉलो करने वाले देश का नाम है “अफगानिस्तान”, यहां पर 14 से 16 साल के लड़कों के साथ में शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं तथा कई अन्य तरीकों से उनको एब्यूज किया जाता है। यह ट्रेडिशन सदियों से अफगानिस्तान में फॉलो किया जा रहा है। इसको वहां “बच्चाबाजी” कहा जाता है। समाज में रहने वाले वो लोग जो बेहतर स्थिति में हैं, वो इन बच्चों को अपने साथ में रखते हैं, क्योंकि वहां ऐसा माना जाता है कि जिसके पास में ये बच्चे जितनी अधिक संख्या में होंगे उतनी ही ज्यादा उसकी शक्ति और साख होगी। कई बार इन बच्चों को लड़कियों के भेष में भी रहना पड़ता है और इन पर वह सभी जुर्म ढाए जाते हैं जो किसी अन्य महिला पर किए जाते हैं।

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इन लड़को को शादी समारोह तथा प्राइवेट पार्टियों में एक डांसर की तरह रखा जाता है। अफगानिस्तान के बहुत से भागों में आपको एक कहावत आमतौर पर सुनने को मिल जाएगी कि “औरतें बच्चा पैदा करने के लिए हैं और लड़के मजा देने के लिए”, इस कहावत से आप वहां की बच्चेबाजी का अंदाज लगा सकते हैं। वर्तमान में बलात्कार अादि के लिए अफगानिस्तान सरकार ने भले ही कड़े नियम बना लिए हैं, पर बच्चाबाजी के लिए वहां कोई नियम नहीं है और जो भी लड़के इस कुप्रथा से गुजरते हैं, वे भी बड़े होकर अपने से छोटे बच्चों के साथ में इस प्रकार का सुलूक करते हैं। इस प्रकार से यह कुप्रथा एक चैन की तरह आगे चलती जाती है और अब इससे बचने का सिर्फ एक ही उपाय है “शिक्षा”, जो की वर्तमान के अफगानिस्तान के मूल विश्वासों और लोगों की मानसिकता के आगे निष्फल होता दिख रहा है।

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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