क्रिकेट मैच की बात करें, तो ऐसा कौन शख्स होगा जो इसे देखने के पूरे मजे ना लेता हो। अपने काम में देरी हो जाये पर मैच को देखना नही भूलते। मैच में होने वाले चौके छक्के या फिर विकेट लेने के तरीके से ही अंदाजा लगा लेते है कि इस बार का ‘मैन ऑफ़ द मैच’ किस खिलाड़ी को मिलेगा। क्या ये खिताब जीतने वाली टीम को मिलता है या हारने वाली टीम को भी मिलता है? क्या आप ये भी जानते है कि ये खिताब ‘मैन ऑफ़ द मैच’ देने का फ़ैसला लेता कौन है?
जीं हां, आज हम आपको इस बारे में जानकारी देते है। कि ‘मैन ऑफ़ द मैच’ किसके द्वारा और किस खिलाड़ी को दिया जा सकता है। जो खिलाड़ी टीम की ओर से सबसे ज़्यादा रन बनाता है या विकेट लेता उस खिलाड़ी को ही ये पुरस्कार मिलता है। कुछ मामलों में हारने वाले टीम के खिलाड़ी को भी ‘मैन ऑफ़ द मैच’ मिल जाता है।अब ‘मैन ऑफ़ द मैच’ देने का फ़ैसला कौन लेता है?
आप मैच के दौरान देखते है कि हर एक पल की जानकारी हमें कमेंटेटर के द्वारा प्राप्त होती रहती है। जिनकी बारीक से बारीक नज़र पूरे मैच पर होती है, और यही लोग अपनी कमेंट्री के द्वारा पूरे खेल को और अधिक रोमांचक बना देते हैं। ये वो लोग होते हैं जिनके पास खेल की अच्छी जानकारी होती है, जो खेल के प्रति ज्यादा अनुभवी होते है। इनमे से ज़्यादातर पुराने खिलाड़ी ही होते हैं। ‘मैन ऑफ़ द मैच’ चुनने का काम भी इन्हीं का होता है। जितने भी कमंटेटर होते है सभी अलग अलग भाषाओं वाले होते है। जो एक साथ मिलकर पूरे मैच का फ़ैसला करते हैं कि किसे आज के मैच के लिए ये पुरस्कार दिया जाए।
कभी-कभी इनके (कमंटेटर) अलावा मैच रेफ़्री और दूसरे वरिष्ठ खिलाड़ी भी ‘मैन ऑफ़ द मैच’ चुनने वाले पैनल का हिस्सा बन जाते हैं। जब भी किसी बड़ी श्रृंख्ला का मैच जैसे चैंपियंस ट्रॉफ़ी या वर्ल्ड कप होता है तो उस दौरान ‘मैन ऑफ़ द मैच’ चुनने के लिए अलग से पैनल तैयार किया जाता है।