प्रत्येक माता-पिता की यह चाहत होती है कि उनका बच्चा गौरा और सुन्दर ही पैदा हो और इसके लिए वे तरह-तरह के उपाय भी करते है। सही बात तो यह है कि बच्चा चाहे देखने में कैसा भी लगता हो पर हर मां-बाप यह चाहते हैं कि उनका बच्चा हमेशा दूसरों को गौरा और सुन्दर ही दिखाई दें, हर माता-पिता अपनी इस चाहत को पूरा करने के लिए बच्चे के लिए बहुत से ब्यूटी प्रोडक्ट्स का प्रयोग भी करते हैं पर आज हम आपको भारत की ही एक ऐसी जगह के बारे में बता रहें हैं जहां पर बच्चों के लिए गौरा होना एक शाप के सामान है और सही बात तो यह है कि इस जगह यदि कोई बच्चा गौर वर्ण का पैदा हो जाता है तो उसको मार दिया जाता है। आइये जानते हैं कि लोग गौरे बच्चे को आखिर क्यों मार देते हैं और कहां है यह जगह जहां बच्चों का कत्ल उनके ही माता-पिता कर देते हैं।
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हालही में मीडिया ने भी कई रिपोर्ट्स इस मामले में दी है, इन रिपोर्ट्स के अनुसार अंडमान प्रदेश में जारवा जाति के लोग अपने ही बच्चों का कत्ल कर रहें हैं और वर्तमान में उनके द्वारा किए जा रहें इस प्रकार के कार्य से यहां की पुलिस और प्रशासन भी काफी परेशान हैं। असल में यहां पर गौर वर्ण वाले बच्चों को आज भी अच्छा नहीं समझा जाता है और उनको सही निगाह से नहीं देखा जाता है। यदि इस जनजाति में कोई बच्चा थोड़ा सा भी गौर वर्ण का पैदा हो जाता है तो उस बच्चे की मां को यह डर लगने लगता है कि कहीं उसके बच्चे की हत्या न हो जाए। जारवा नामक जनजाति में सभी महिलाएं अपने यहां पैदा हुए किसी भी नवजात बच्चे को अपना दूध पिलाती हैं क्योंकि जारवा जनजाति मानती है कि इससे समुदाय की पवित्रता और शुद्धता बनी रहती है।