हमारा भारतीय रेल एशिया का सबसे बड़ा और विश्व को चौथा रेल नेटवर्क है जिसमें रोजाना लगभग दो करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं। लोग अपने मुकाम पर पहुचते हुए ना जाने कितने स्टेशनों को पार करते हुये जाते है और इसी सफर के दौरान हमें किसी बोर्ड में जंक्शन, टर्मिनस और सेंट्रल स्टेशन जैसे शब्द लिखे हुए भी मिलता है। पर क्या आप इन सभी चीजों की जानकारी रखते है । कि आखिर ये क्यो लिखा जाता है। इसका क्या मतलब होता है? यदि आप इसका मतलब नही जानते है। तो हम आपको इन सभी की पूरी जानकारी से अवगत कराते है।
रेल्वे स्टेशन को मूलरूप से चार भागों में बांटा गया है।
- टर्मिनस
- सेंट्रल
- जंक्शन
- स्टेशन
टर्मिनस और टर्मिनल के बीच का अंतर ?
टर्मिनस या टर्मिनल, ये वो शब्द है जिसका मतलब ऐसा स्टेशन, जहां से ट्रेन आगे नहीं जाती है। मतलब जिस दिशा से ट्रेन स्टेशन पर पहुंचती है, दूसरी ओर जाने के लिए उसे उसी दिशा में वापस आकर फिर से गुजरना पड़ता है इस तरह से भारत में कुल 27 टर्मिनस स्टेशन हैं।
छत्रपतिशिवाजीटर्मिनस – (सीएसटी)
लोकमान्यतिलकटर्मिनस – (एलटीटी)
कोच्चि हार्बर टर्मिनस
जंक्शन –
जक्शन उस रेल्वे स्टेशन को कहा जाता है। जहां पर ट्रेनों की आवाजाही के लिये ेकम से कम 3 अलग अलग रूट बनाये जाते है। यानि की ट्रेन कम से कम एक साथ 2 रूट से आ और जा सकती है। इसे जक्शन कहा जाता है।
सेंट्रल –
सेंट्रल उन रेलवे स्टेशन को कहा जाता है, जहां पर ट्रेनों का सबसे ज्यादा समागाम या समावेश होता है। इसके अलावा उसके आस पास सबसे ज्यादा स्टेशन पाये जाते हैं। यह शहर का बहुत ही व्यस्त स्टेशन भी होता है, कई जगहों पर पुराने स्टेशन को भी सेंट्रल कहा जाता है। भारत में कुल 5 सेन्ट्रल स्टेशन हैं।
उदाहरण:
मुंबईसेन्ट्रल – (बीसीटी)
चेन्नईसेन्ट्रल – (एमएएस)
त्रिवेंन्द्रमसेन्ट्रल – (टीवीसी)
मैंग्लोरसेन्ट्रल – (एमएक्यू)
कानपुर सेन्ट्रल – (सीएनबी)
स्टेशन –
स्टेशन उसे कहते ह कि जहां पर ट्रेन हन यात्रियों को उनके मुकाम पर पहुचाने के लिये रूकती हुई चलती है। भारत में कुल साढे़ आठ हजार रेल्वे स्टेशन है।