अपने देश में बहुत से ऐसे स्थान है। जहां के रीति रिवाज आज भी लोगों को हैरत में डाल देते हैं। आज हम आपको एक ऐसे गांव से रूबरू कराने जा रहे है। जहां के लोग किसी भी त्यौहार को उसका दिन आने से पहले ही मना लेते हैं। आपको शायद यह बात अजीबोगरीब लगें, पर यह सच है। इस गांव का नाम “करबिन सेमरा” है। यह गांव छत्तीसगढ़ प्रदेश के धमतरी जिले के कुरुद ब्लॉक के अंतर्गत आता है। इस गांव की खासियत यही है कि यहां पर हर त्यौहार को समय से पहले ही मना लिया जाता है। पुरे देश में इस वर्ष जहां 1 मार्च को होलिका दहन होगा वहीँ इस गांव में यह उत्सब 24 फरवरी को ही मना लिया गया है और 25 फरवरी को रंग खेला जायेगा।
देव प्रकोप से बचने को करते हैं ऐसा
Image source:
इस गांव में मान्यता है कि इस प्रकार के कार्य देव प्रकोप से बचाव के लिए किये जाते हैं। लोक देवता सिदार देव के क्रोध से बचाव हेतु यहां के लोग लंबे समय से तय तिथि से पहले ही हर त्यौहार को मनाते आ रहे हैं। यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि “प्राचीन काल में हमारा यह गांव चारों और से जंगलों से घिरा हुआ था। तब यहां जंगली जानवरों का बहुत प्रकोप हुआ करता था। उस समय ग्राम बोरझरा से एक बलशाली व्यक्ति हमारे इस गांव में आता था तथा जंगली जानवरों से यहां के लोगों की रक्षा करता था। वह कब कहां चला गया। इस बात का पता आज तक नहीं चल पाया, लेकिन तब से हम लोग उसको आराध्य मान कर उसका पूजन करते आ रहें हैं।”
अपशगुन होना हुआ बंद
Image source:
ग्रामीणों का कहना है कि “पहले हर त्यौहार पर कोई न कोई अपशगुन जरूर होता था। ऐसे में गांव में बड़े बुजुर्ग लोगों ने कहा कि यह शायद सिदार देव के क्रोध के कारण हो रहा है। तब हम लोगों ने गांव में सिदार देव की प्रतिमा की स्थापना की और हर त्यौहार को पहले मनाना शुरू कर दिया। तब से आज तक कोई भी अपशगुन नहीं हुआ है।”