“छोटा मक्का” कहलाता है भारत का यह नगर, 100 से ज्यादा मस्जिदों में बनता है हिन्दुओं के लिए शाकाहारी भोजन

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मक्का को आप जानते ही होंगे यह इस्लाम का पवित्र धर्मस्थल है, पर क्या आप अपने देश के “छोटे मक्का” को जानते हैं? यदि नहीं, तो आज हम आपको रूबरू करा रहें हैं हिंदू-मुस्लिम के भाईचारे के प्रतीक इस छोटे मक्का से, जोकि हमारे ही देश भारत में बसा है। आपने बाबरी मस्जिद और अयोध्या केस के बारे में सुना या पढ़ा ही होगा, यह सारा मामला उत्तर प्रदेश की अयोध्या नगरी से संबंधित है पर अयोध्या की इस मामले से इतर अपनी एक और भी पहचान है जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। हम आपको बता दें कि राम जन्मभूमि अयोध्या को “छोटी मक्का” के नाम से भी जाना जाता है। पिछले समय से लेकर आजतक प्रभु श्री राम की अयोध्या के ऊपर राजनीतिक अखाड़ों ने भले ही कितना भी अवसाद हिंदू और मुस्लिम लोगों के दिलों में पैदा किया हो, पर आज भी यहां आप पुरातन काल से चली आ रही हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की परंपरा को जीवंत रूप में देख सकते हैं।

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क्या कहते हैं धर्मगुरु –
अयोध्या के तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति त्रिपाठी इस बारे में बताते हैं कि अयोध्या में करीब 20 से ज्यादा मुस्लिम धार्मिक स्थल हैं और इन सभी स्थानों का महत्त्व न सिर्फ मुस्लिम लोगों के लिए है, बल्कि हिंदू लोगों के लिए भी है, ये सभी आस्था का केंद्र हैं। दूसरी ओर अयोध्या के ही मुस्लिम धर्मगुरु मुहम्मद उमर का कहना है कि अयोध्या में 100 से ज्यादा ऐसी मस्जिदें हैं जहां पर शुद्ध शाकाहारी भोजन के नियम को माना जाता है, यह हिंदू लोगों के प्रति हमारे आत्म-सम्मान को दर्शाता है। मुहम्मद उमर का कहना है कि मस्जिदों और दरगाहों से भरा यह नगर यूं ही “छोटी मक्का” नहीं कहलाता, वास्तव में यह मक्का के काफी करीब लगता है।

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अयोध्या के ही निवासी मौलवी मोहम्मद अकरम का कहना है कि “धर्मनिरपेक्ष मुस्लिम लोग यहां पर प्रभु श्रीराम को खुदा के एक पैगम्बर के तौर पर देखते हैं, अन्य ग्रंथों में भी उनको एक अवतार ही बताया गया है और खुदा के सभी पैगम्बरों का सम्मान करने की शिक्षा कुरान में दी गई है।”, इस प्रकार हिंदू और मुस्लिमों के आपसी प्रेम और सौहार्द के कारण अयोध्या में आतंरिक रूप से हमेशा शांति बनी रहती है, बाहरी ओर से भले ही राजनीतिक पार्टियां कितना ही हो हल्ला करें, पर अयोध्या की मस्जिदें यहां के हिंदुओं के लिए हमेशा बाहें खोले हुए रहती हैं और मंदिरों में मुस्लिमों के आगमन पर भी कोई रोक नहीं है, इसलिए इस शहर को “रामजन्भूमि” के अलावा “छोटी मक्का” के नाम से भी जाना जाता है।

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