कल कानपुर में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए पांच मैचों की वनडे सीरीज के पहले मैच में भारत को 5 रन से हार का सामना करना पड़ा। फैंस इस हार के लिए मैच अंपायर विनीत कुलकर्णी को जिम्मेदार मान रहे हैं। यहां तक की भारत की हार से दुखी क्रिकेट प्रेमियों ने मोदी सरकार से विनीत कुलकर्णी को बैन करने की भी मांग की है। लोगों का कहना है कि विनीत ऐसे अंपायर हैं जो शायद ही कभी सही फैसले देते हों।
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दरअसल हुआ कुछ यूं कि पहले बल्लेबाजी कर रही दक्षिण अफ्रीका की टीम ने भारत को 304 रनों का टारगेट दिया। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने अपना पहला विकेट शिखर धवन के रूप में खोया। धवन को 23 रन पर मोर्कल ने lbw आउट किया। मोर्कल की बॉल को धवन लेग साइड पर खेलने की कोशिश में थे, लेकिन बॉल उनके पैड पर लगी। मोर्कल ने अपील की और कुछ सेकंड के बाद अंपायर विनीत कुलकर्णी ने धवन को आउट दे दिया। ये साफ पता चल रहा था कि ये गुड लेंथ बॉल स्टम्प पर नहीं लग रही थी। धवन के आउट होने से गुस्साए फैन्स ने अंपायर को साउथ अफ्रीका का 12वां खिलाड़ी तक कह दिया।
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यह पहली बार नहीं है जब विनीत कुलकर्णी को फैंस का गुस्सा झेलना पड़ा हो। इससे पहले भी भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए टी-20 सीरीज के पहले मैच में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज जेपी डुमिनी को lbw आउट नहीं दिया था। तब 33 रन पर खेल रहे डुमिनी ने आगे जाकर 68* रन बनाए और ये रन उनकी टीम के लिए जीत की सौगात लेकर आए। इस तरह की अंपायरिंग करने के बाद ट्विटर पर लोगों ने विनीत कुलकर्णी पर धावा बोल दिया। फैंस का यहां तक कहना है कि अंपायर कभी-कभी गलत हो सकता है लेकिन विनीत तो कभी-कभी सही होते हैं।