राजनीति में नेताओं द्वारा जनता के सामने किए गए वायदों का असल में कुछ पता नहीं होता कि कब वे यू टर्न ले लें। ऐसा ही कुछ दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी टीम को देखने से लग रहा है।
अपने चुनावी दौर में बड़ी-बड़ी गाड़ी और बंगलों जैसी सुविधाएं न लेने का वायदा करने वाले केजरीवाल और उनके मंत्री सरकारी कामकाज के लिए गाड़ी की मांग पर अड़े नजर आए। दूसरी ओर दशहरा के अवसर पर केजरीवाल ने गाडि़यों को पर्यावरण के लिए रावण का प्रतीकात्मक रूप बताया और दिल्ली में कार फ्री डे मनाने का ऐलान किया। ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार ने अपने विधायकों और मंत्रियों को खास कंपनी की गाड़ी दी है। हालांकि, एक समय था जब केजरीवाल ने खुद मेट्रो में सफर किया था और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जमकर तारीफ की थी। आप विधायक जनता को दिखाने के लिए खुद भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने लगे थे पर कुछ दिन बाद ये लोग मौज मस्ती करते देखे जाने लगे।
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प्राप्त खबरों के अनुसार सरकारी गाड़ी लिए घूम रहे दिल्ली के एक विधायक से गाड़ी के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि असल में मेरे पास पेट्रोल डालने के पैसे नहीं हैं और एटीएम घर पर छूट जाने के कारण सरकारी गाड़ी का उपयोग कर रहे हैं। दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के इस आचरण को देख कर यह कहा जा सकता है कि शायद केजरीवाल ने दिल्ली को कार फ्री डे का तोहफा दिया है। यहां बता दें कि केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से एक दिन के कार फ्री डे मनाने की अपील खुद साइकिल चला कर की थी।