आज के दिन तेलंगाना भारत का नवगठित 29 वां राज्य बना था, यह आंध्रप्रदेश से अलग होकर बनाया गया था। तेलंगाना का शाब्दिक अर्थ है ” ‘तेलुगूभाषियों की भूमि’ । जानकारी के लिए आपको बता दें कि 5 दिसंबर 2013 को मंत्रीमंडल द्वारा निर्मित किये गए ड्राफ्ट बिल को केबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी थी और 18 फरवरी 2014 को यह बिल लोकसभा में पास हो गया था और राष्ट्रपति के दस्तखत के साथ ही तेलंगाना भारत का 29 वां राज्य बन गया।
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उस समय यह भी तय हुआ कि10 साल के लिए हैदराबाद को ही आंध्रप्रदेश और तेलंगाना की राजधानी बनाया जाएगा। वर्तमान में जिसको तेलंगाना कहा जाता है उसका क्षेत्रफल 1,14,800 वर्ग किलोमीटर का है और उसमें आंध्रप्रदेश के 23 में से 10 जिले आते है, तेलंगाना की आबादी 3.5 करोड़ है। इस प्रदेश की भाषा तेलगु और उर्दू है।
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इस प्रकार राज्य का गठन –
केंद्रीय मंत्रियों के मंडल ने विधेयक को पास करके 7 फरवरी, 2014 को हैदराबाद को एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग करने वाले सीमांध्र के नेताओं की इस मांग को ख़ारिज कर दिया, इसके बाद में सीमांध्र नेताओं और तेलंगाना के सांसदों के बीच हुई झड़पों के साथ ही यह विधेयक लोकसभा में भी रखा गया। लोकसभा में इस विधेयक को 18 फरवरी, 2014 में पास कर दिया गया और अगले दिन ही किरण रेड्डी ने अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था । 20 फरवरी, 2014 को राज्य सभा ने इस विधेयक को मंजूरी दे दी और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भी 1 मार्च, 2014 को इस प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दे दी, इसके बाद राष्ट्रपति शासन राज्य में लागू हो गया। कुछ समय बाद 30 अप्रैल, 2014 को 119 सदस्यों की तेलंगाना विधानसभा और 17 लोकसभा सीटों पर एक साथ ही चुनाव हुए और 2 जून, 2014 को तेलंगाना नाम के नए राज्य का जन्म हुआ और के. चंद्रशेखर राव यहां के पहले मुख्यमंत्री बने।