भारतीय के इतिहास में आज ही के दिन ‘श्री पुंडलिक’ नामक एक फिल्म कोरोनेशन सिनेमेटोग्राफ गिरगांव मुंबई में प्रदर्शित की गई थी। इस फिल्म के निर्देशक दादा साबेह तोरणे थे। भारत की पहली मुक फिल्म बनाने वाले ये पहले उम्मीदवार के रूप में पहचाने गये।
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इस फिल्म को बनाने के लिये तोरणे और इस फिल्म को बनाने में उनके सहयोगी बने नानासाहेब चित्रे और किर्तीकर ने शूटिंग की स्क्रिप्ट तैयार की जो बिना संवादों वाली फिल्म बनी। इस फिल्म को तैयार करने के बाद इसकी प्रोसेसिंग करने के लिए इसे लंदन भेजा गया। ये फिल्म 1,500 फीट लंबी थी जो करीब 22 मिनट की बनकर तैयार हुई थी। लंदन में तैयार होने के बाद इस फिल्म को मुंबई के सिनेमैटोग्राफ में दिखाया गया। जो लगभग दो सप्ताह तक चली।
इस फिल्म के लिये कुछ लोगों का मानना है कि ये फिल्म पहली भारतीय फिल्म इसलिए नहीं कही जा सकती क्योंकि यह एक मराठी नाटक की फोटोग्राफिक रिकॉर्डिंग पर आधारित फिल्म थी और इसके साथ ही इसमें काम करने वाले कैमरामैन भी भारतीय ना हो कर ब्रिटेन के जॉन्सन थे।
इसके फिल्म के बनने के करीब 1साल बाद भारत के इतिहास में पहली मूक फिल्म ‘राजा हरीशचंद्र’ रिलीज हुई थी, जिसे दादा साहेब फाल्के ने बनाकर अपना नाम एतिहासिक पन्नें में दर्ज करा लिया था।