आज का इतिहास- पहली बार दूरदर्शन पर शुरू हुआ रंगीन प्रसारण

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दूरदर्शन यह नाम सुनते ही हर किसी के मन में एक ही ख्याल आता है कि यह भारत सरकार का एक सरकारी चैनल है तथा इस चैनल को प्रसार भारती के अन्तर्गत चलाया जाता है। वैसे तो भारत में दूरदर्शन के प्रसारण की शुरूआत सन् 1959 में की गई थी, लेकिन 25 अप्रैल 1982 को भारतीय टेलीविजन की दुनिया में एक नया बदलाव हुआ। इस दिन से दूरदर्शन पर रंगीन प्रसारण किया जाने लगा थे।

दूरदर्शन का प्रसारण वैसे तो दिल्ली में सन् 1959 में ही हो गया था, लेकिन इसका नियमित रूप से प्रसारण सन् 1965 में हुआ। उस समय यह ऑल इंडिया रेडियो का ही अंग था। जिसके बाद धीरे-धीरे इसका विस्तार होना प्रारम्भ हुआ और यह मुम्बई तथा अमृतसर तक विस्तरित होने लग गया। इसका और तेजी से विस्तार करने के लिए हर दिन एक ट्रांसमीटर का प्रयोग किया जाने लगा, जिसके कारण आज दूरदर्शन की पहुंच कई शहरों तक हो चुकी है तथा कई लोग इसके माध्यम से अपना मनोरंजन कर रहे हैं।

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80 के दशक के आस-पास दूरदर्शन को देश के सभी शहरों तक पहुंचाने की शुरूआत हो गई थी, लेकिन 1982 में जब भारत में एशियाई खेलों का आयोजन हुआ तो उसके साथ श्वेत और श्याम दिखने वाले दूरदर्शन में अनेकों रंग दिखने लग गए। उस समय आईएनएसएटी-1ए नामक एक उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया था, जिसकी वजह से ही भारतीय टेलिवीजन की दुनिया में रंगीन प्रसारण संभव किया जा सका।

दूरदर्शन के रंगीन होने के बाद तो मानों दूरदर्शन का पूरा रूप ही बदल गया। इस पर पारिवारिक कार्यक्रमों की शुरूआत होने लगी। साथ ही कई तरह के धार्मिक और ज्ञान देने वाले कार्यक्रमों का भी प्रसारण किया जाने लगा। सन् 1984 में चुनावों को भी दूरदर्शन पर प्रसारित करने के लिए देशव्यापी चुनाव विश्लेषण कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इसके बाद कई सारे चैनलों को भी इसमें शामिल करना शुरू किया जाने लगा।

दूरदर्शन पर मालगुडी डेज नाम के एक कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसके अलावा चित्रहार, व्योमकेश बक्शी, भारत एक खोज, अलिफ लैला, रामायण, विक्रम बैताल, महाभारत जैसे कई अन्य कार्यक्रम भी दिखाए जाने लगे। इतना ही नहीं कुछ समय बाद तो दूरदर्शन की तरफ लोगों का ध्यान खीचने के लिए इस पर फिल्में भी दिखाई जाने लगी। आज भले ही देश में कई सारे चैनलों की शुरूआत हो गई हो, लेकिन उन सभी को रंगीन रूप देने की शुरुआत दूरदर्शन से ही की गई।

Upasana Bhatt
Upasana Bhatthttp://wahgazab.com
एक लेखिका होने के नाते दुनिया को देखने का मेरा अपना अलग नजरीया है। मैं अपने आस-पास हो रही घटनाओं पर लिखना पसन्द करती हुँ ताकि सबके आगे सही तरीके से सच रख सकुं।

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