भारतीय जनसंघ की स्थापना कर पूरे देश में देश भक्ति की मिसाल बने अटल बिहारी वाजपेयी उन महापुरुषों में से एक हैं जिसने अपने जीवन में आरएसएस के एक प्रचारक के रूप में काम कर जीवन भर अविवाहित रहने का संकल्प लिया था और देश को शिखर तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कि और इसी योग्यता के बल पर सन् 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी भारत के दसवें प्रधानमंत्री बन कर देश की राज्यसत्ता को संभालने में अग्रिम भूमिका निभाई थी और वे इस पद पर पहुंचने वाले भाजपा के पहले नेता बने थे।
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हालांकि, उनकी यह सरकार 13 दिन के भीतर ही सिमट कर रह गई थी। बहुमत साबित कर पाने के बाद भी उन्होने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। देश की जनता नें उन्हे अपने दिलों में जगह दी जिसकी वजह से वाजपेयी दो बार 1998 और 1999 प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 24 दलो के गठबंधन से सरकार चलाई जिसमें 81 मंत्री थे, वे पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल बिना किसी रूकावट के पूरा किया। सन 2005 में सेहत खराब होने के चलते वो राजनीति के कामों में हिस्सा कम लेने लगे और धीरे धीरे उनकी खराब स्थिति के चलते उन्होनें राजनीति से संन्यास लिया और नई दिल्ली के निवास स्थल पर वो अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं।