भारत के सबसे युवा उम्र में राष्ट्रपति का पद संभालने वाले नीलम संजीव रेड्डी का जन्म वर्ष 1913 में आज के दिन ही हुआ था। उनका जन्म मद्रास के इल्लूर नाम के गांव में हुआ था। नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 से राष्ट्रपति पद को संभाला।
भारत की आजादी की लड़ाई में भाग लेने के बाद रेड्डी का राजनीतिक सफर काफी लंबे समय तक चला। इस दौरान वह काफी अलग अलग पदों पर बैठे। तेलंगाना को जब आंध्र में मिलाकर आंध्रप्रदेश बनाया गया तब रेड्डी ही आंध्रप्रदेश के सीएम बने थे। इसके बाद एक और बार वह आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर चुने गए।
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मुख्यमंत्री बनने के अलावा रेड्डी दो बार लोकसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं। इसके अलावा 25 जुलाई 1977 को वह भारत के छठे राष्ट्रपति भी बने। उनके राष्ट्रपति शासन के दौरान उन्होंने तीन सरकारें बदलती हुई देखी। उनमें मोरारजी देसाई, चरण सिंह और इंदिरा गांधी की सरकार बनी रही। रेड्डी का कार्यकाल 1982 में पूरा हुआ, जिसके बाद जैल सिंह ने राष्ट्रपति का पद संभाला।
राष्ट्रपति पद से हटने पर अपने विदाई भाषण में रेड्डी ने अपने कार्यकाल के दौरान रही सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि तीनों सरकारों में से कोई भी देश की जनता के हालात सुधारने में सफल नहीं रह पाई। 1 जून 1996 को रेड्डी की मृत्यु निमोनिया के कारण हो गई थी।