भारतीय कथा साहित्य की विज्ञान कथाओं में अनेकों बार इस प्रकार की कहानियां लिखी गई हैं जिनमें कहीं न कहीं टाइम मशीन का जिक्र आता है। टाइम मशीन यानी एक इस प्रकार की मशीन जिसमें बैठकर कोई भी इंसान अपने अतीत और भविष्य के दौर का सफर कर सकता है। हालांकि आज से पहले इस प्रकार की बात कहना एक परिकल्पना मात्र था पर आज के वैज्ञानिक युग ने इसको साकार करने की अपनी कवायद बहुत पहले से शुरू कर दी थी और आज इस मिशन को पूरा करने में लगे है अमेरिका के प्रोफ़ेसर और वैज्ञानिक रोनाल्ड मैले। रोनाल्ड भौतिक विज्ञान के प्रोफ़ेसर है जो की अमेरिका की कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं।
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वैज्ञानिक रोनाल्ड मैले को जिस प्रकार से टाइम मशीन बनाने के अपने प्रोजेक्ट में सफलता मिल रही है उसे देखते हुए उनका कहना है की अब टाइम मशीन बहुत दूर की बात नहीं है, जल्द ही उनकी टाइम मशीन सबके सामने होगी। वैज्ञानिक रोनाल्ड मैले अभी मशहूर वैज्ञानिक आइंस्टाइन के नक़्शे कदम पर ही चल रहें हैं। वर्तमान में प्रोफ़ेसर मैले अपनी इस टाइम मशीन के लिए रिंग लेजर टेक्निक का उपयोग कर रहें हैं, इन लेजर किरणों का प्रयोग करके भूत, वर्तमान और भविष्य को मौजूदा समय और स्थान के जरिये बदलने की कोशिश की जा रही है। प्रोफ़ेसर मैले के इस प्रयोग के लिए लाखों डॉलर का खर्च चाहिए और इतना धन वर्तमान में कनेक्टिकट यूनिवर्सिटी के पास नहीं है इसलिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसके लिए एक अलग अकाउंट खोला है ताकि दुनिया भर से लोग उसमें पैसा डाले और यह टाइम मशीन का कार्य पूरा हो सके।