हमने अपने बुजुर्गों से सुना है कि जिंदगी का सीधा ताल्लुक सूर्य से होता है। सूर्य के आने से ही सारा काम शुरू होता है और सूर्य के जाते ही सब लोग अपने घरों में चले जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसा ही मामला पाकिस्तान के तीन बच्चों के साथ हो रहा है। पाकिस्तान के इन तीनों बच्चों को एक रहस्यमयी बीमारी से जूझना पड़ रहा है। इस बीमारी से ग्रसित ये तीनों बच्चे जब तक सूरज रहता है ठीक रहते हैं, लेकिन जैसे ही सूरज ढलता है यह तीनों ही लाचार हो जाते हैं।
पाकिस्तान के क्वेटा से थोड़ी दूरी पर स्थित गांव मिया कुंडी में रहने वाले तीन बच्चों को बेहद ही अजीबो गरीब बीमारी का शिकार होना पड़ा है। एक वर्षीय शोएब, नौ साल के राशिद और तेरह साल के इलयास हाशिम नाम के तीनों बच्चों की जिदंगी का हर काम सूर्य से ही जुड़ा है। यह बच्चे दिखने में तो आम बच्चों की तरह ही रहते हैं, लेकिन इन्हें कुछ अलग तरह की बीमारी है। सुबह सूर्य के आने के बाद से ही इन तीनों की जिंदगी शुरू होती है, वहीं सूर्य के ढलते ही यह तीनों चलने फिरने के भी काबिल नहीं रहते है। इस कारण ही इन्हें पूरा गांव सौर बच्चों के नाम से पुकारने लगा है।
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डॉक्टर के लिए इनकी बीमारी बनी रहस्य-
तीनों बच्चों को इलाज के लिए इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में कुछ दिनों के लिए भर्ती करवाया गया था। संस्थान के कुलाधिपति डॉ. जावेद अकरम भी इस बीमारी को बेहद ही अलग केस मानते हैं। उन्होंने भी ऐसे केस का पहले कभी सामना नहीं किया है, लेकिन इन बच्चों के लिए नौ लोगों की एक टीम का गठन किया गया है। फिलहाल शुरूआती दौर की जांच में इन तीनों बच्चों को मास्थेनिया सिंड्रोम से ग्रस्त पाया गया है। इस सिंड्रोम से ग्रसित दुनिया में मात्र 600 मामले ही सामने आए हैं।