भारत देश में जहां एक तरफ पिछड़ी सोच के कारण लोग अपने घर की बेटियों को पढ़ाना जरूरी नहीं समझते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ एक महिला ने पढ़ाई के प्रति ऐसी दीवानगी दिखाई है, जो कि आपके होश उड़ा देगी।
दरअसल बिहार की रहने वाली रंजू कुमारी अपने बीएड की परीक्षा देने के लिए घर से निकली हुई थी, जिसके बाद उन्हें प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, ऐसे में उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, बच्चा हो जाने के बाद रंजू परीक्षा देने मुजफ्फरपुर के महंत दर्शन दास महिला कॉलेज परीक्षा देने पहुंच गईं।
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डॉक्टर ने महिला को इस बात की अनुमति नहीं दी कि महिला प्रसव के बाद परीक्षा देने जाएं। लेकिन रंजू ने ठान ली थी कि वह अपना साल बर्बाद बिल्कुल नहीं होने देगी। रंजू के इस हौसले को देखते हुए उनकी परीक्षा की व्यवस्था एंबुलेंस में ही कर दी गई। सभी ने रंजू के इस फैसले की सराहना की।
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रंजू अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए यह परीक्षा देना चाहती थीं। आज रंजू के इस जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है। पढ़ाई के लिए रंजू की यह दीवानदी दुनिया भर की औरतों को जरूर नई प्रेरणा देगी।