आखिर कैसे इस पोस्टकार्ड को सही जगह पहुंचने में लग गए 55 साल

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दुनिया में जिस समय में टेलिफोन और मोबाइल नहीं हुआ करते थे तब अपने नाते रिश्तेदारों को केवल चिठ्ठी या पत्र के जरिए ही संदेश भेजा जाता था। उस समय सूचना को भेजने का यह माध्यम बेहद ही सशक्त हुआ करता था। यह व्यवस्था आज भी हमारे देश सहित अन्य देशों में चल रही हैं। इस व्यवस्था से जुड़ा हुआ एक ऐसा मामला सामने आया जिसे जानकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे। एक व्यक्ति ने अपने रिश्तेदार को पोस्टकार्ड को भेजा लेकिन यह पोस्टकोर्ड सही जगह पर पहुंचने पर पूरे 55 सालों का समय लग गया।

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हम अक्सर अपने देश की डाक व्यवस्था से परेशान रहते है। हमारे द्वारा भेजा गया लेटर कभी भी समय से नहीं पहुंच पाता है। लेकिन इस वाकया को जानकर आपको अपने देश के डाक व्यवस्था पर गर्व होगा कि हमारे पत्र भले ही देरी से पहुंचते हो पर पहुंचते तो है। ब्रिटेन में तो एक पोस्टकार्ड की डीलिवरी में पूरे 55 सालों का समय लग गया। लंदन से भेजा गया यह पोस्कार्ड अपने सही पते वेल्स तक 55 सालों में पहुंचा। यहां तक की इस पोस्टकार्ड को जिसके लिए भेजा गया वो भी इस दुनिया में नहीं रहा।

यह पोस्ट कार्ड 1960 में वेल्स के लिए भेजा गया था। इस पोस्टकार्ड को जिसके लिए भेजा गया था उनकी कजिन वॉन हयूम ने प्राप्त किया। वॉन हयूम अभी 64 वर्ष की है। उन्होंने यह पोस्टकार्ड अपने पति जेम्स को दिखाया तो जेम्स ने बताया कि यह तो 55साल पुराना पोस्टकार्ड है। यह पोस्टकार्ड बीएच मोर्गन के नाम से भेजा गया था। इस पोस्टकार्ड में लंदन के मौसम के बारे में जानकारी दी गई थी।

vikas Arya
vikas Aryahttp://wahgazab.com
समाचार पत्र पंजाब केसरी में पत्रकार के रूप में अपना कैरियर शुरू किया। कई वर्षो से पत्रकारिता जगत में सामाजिक कुरीतियों और देश दुनिया के मुख्य विषयों पर लेखों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहा हूं। अब मेरा प्रयास है कि मैं ऑनलाइन मीडिया पर भी अपने लेखों से लोगों में नई सोच और नई चेतना का संचार कर सकूं।

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