इस व्यक्ति ने बनाई दुनिया की सबसे छोटी पेंसिल, जानिये इसकी खासियत

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पेंसिल को हम बचपन में स्कूल के दिनो से इस्तेमाल करते आए है। हाल ही में एक व्यक्ति ने इतनी छोटी पेंसिल बनाई है जिसका आकार चींटी से भी कम है। आज हम आपको इस व्यक्ति तथा इसके द्वारा बनाई गई दुनिया की सबसे छोटी पेंसिल के बारे में बताने जा रहें हैं। आपको बता दें कि यह पेंसिल लकड़ी तथा HB से ही निर्मित की गई है। यह पेंसिल उत्तराखंड के हल्द्वानी में बनाई गई है। इस पेंसिल की लंबाई 5 एम.एम तथा चौड़ाई 0.5 एम.एम है। इस पेंसिल को आखिर किस प्रकार से बनाया गया है। बहुत से लोग इस प्रश्न का जवाब ढूंढने में लगे हुए हैं।

सबसे छोटी पेंसिलImage source:

इस अनोखी पेंसिल का निर्माण प्रकाश चंद्र उपाध्याय ने किया है और अब यह अनोखा आविष्कार वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल हो चुका है। आपको बता दें कि प्रकाश चंद्र उपाध्याय वर्तमान में हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के आर्टिस्ट विभाग में कार्य करते हैं। उनको इस खास आविष्कार को करने में 3 से 4 दिन लगे हैं। दुनिया की सबसे छोटी पेंसिल को बनाने के लिए प्रकश चंद्र ने माचिस की तिली का यूज किया है। बताया जा रहा है कि उनकी इस पेंसिल का साइज़ 0.5*0.5*0.5 है। प्रकाश चंद्र के इस आविष्कार को आर्टिस्ट वर्ल्ड रिकार्ड 2017-18  में शील किया गया है। प्रकाश चंद्र मूल रूप से अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लाक के निवासी हैं।

उन्होंने इस पेंसिल का निर्माण माचिस की तिली तथा बाजार की साधारण पेंसिल की लेड का यूज करके किया है। इसको रंगने के लिए प्रकाश चंद्र ने सफ़ेद तथा काले रंग के फैब्रिक का यूज किया है। इस प्रकार से प्रकाश चंद्र ने एक अनोखा प्रयोग कर दुनिया की सबसे छोटी पेंसिल को बनाया है। आपको बता दें कि इससे पहले प्रकाश चंद्र ने 3*4*4 एमएम की एक हस्तनिर्मित पुस्तक का निर्माण किया था। उनके इस आविष्कार को  इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया था। उन्होंने 3*4*4 एमएम की सबसे छोटी हनुमान चालीसा का निर्माण भी किया था। जिसको यूनिक बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया था। इस प्रकार से प्रकाश चंद्र ने कई ऐसे आविष्कार किये हैं। जिनके कारण उनके नाम कई अलग अलग रिकॉर्ड में दर्ज हो चुके हैं।  

shrikant vishnoi
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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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