नवरात्री के आठवें तथा नवें दिन कन्या पूजन का विधान पूरा किया जाता है। इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है तथा उनको उपहार आदि दिए जाते हैं। इस विधान को कंजक व लोंगड़ा पूजन भी कहा जाता है। मान्यता है कि देवी मां दुर्गा किसी उपहार या दान आदि से इतनी ज्यादा प्रसन्न नहीं होती हैं। जितनी वे कन्या पूजन से होती हैं। ऐसे में जो लोग नवरात्र में व्रत रखते हैं वे इस पूजन को आठवें या नौवें नवरात्र में जरूर करते हैं। इसके बाद ही उनकी नवरात्र उपासना पूरी मानी जाती है। यदि आप भी कन्या पूजन करने वाले हैं तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि कन्या पूजन में आने वाली कन्या 2 वर्ष से कम तथा 9 वर्ष से ज्यादा उम्र की न हो। इनके साथ ही आप एक या 2 लड़को को भी अवश्य पूजन करें तथा साथ में भोजन आदि कराएं। माना जाता है कि ऐसा करने पर ही आपका कन्या पूजन पूरा होता है।
यह है कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त
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इस वर्ष 18 मार्च को नवरात्र का प्रारंभ हुआ था तथा 26 मार्च को देवी सिद्धि दात्री के पूजन के साथ इस वर्ष के नवरात्र समाप्त हो जायेंगे। आपको बता दें कि इस बार अष्टमी-नवमी तिथि एक ही दिन में पड़ रही हैं और इन दोनों तिथियों में ही कन्या पूजन का विधान किया जाता है। आपको बता दें कि इस वर्ष छात्र नवरात्र में दुर्गा अष्टमी 24 मार्च को 10 बज कर 6 मिनट पर प्रारंभ हो जायेगी। कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 25 मार्च सुबह 8 बजकर 3 मिनट तक रहेगा। अतः जिन लोगों को 24 तारीख को कन्या पूजन करने की इच्छा है वे सभी सुबह 10 बजे के बाद कन्या पूजन कर सकते हैं। इसके अलावा अगले दिन यानि 25 मार्च रविवार को सूर्योदय से ही अष्टमी तथा नवमी दोनों एक साथ लग जाएंगी अतः आप इस दिन भी कन्या पूजन कर सकते हैं।