भारत की यह विशेषता रही है कि यहां पर हर धर्म और संप्रदाय के लोगों को बराबरी का दर्जा दिया जाता है। देश में सभी धर्मों के लोग अमन चैन से सुखी जीवन व्यतीत करते हैं। सभी धर्मों के धार्मिक स्थलों में भी यही प्रथा देखने को मिलती है। भारत में मंदिरों के साथ ही मस्जिदों और गुरुद्वारों में सभी धर्मों के लोगों को एक साथ सजदा किए जाने की इजाजत दी जाती है। इन जगहों पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता। भारत में एक ऐसी ही खास मस्जिद है जो अपनी सर्वधर्म समभाव की विचारधारा के लिए पहचानी जाती है। इस मस्जिद का निर्माण पैगम्बर मुहम्मद साहब के जमाने में हुआ था।
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भारत में सभी धर्म के लोगों को बराबरी दर्जा दिया जाता है। देश की जनता के साथ ही धार्मिक स्थलों में भी इस विचारधारा का पालन किया जाता है। खास बात यह है कि इन स्थलों पर व्यक्ति किसी भी जाति धर्म और संप्रदाय का नहीं रहता। वह सिर्फ एक व्यक्ति ही रहता है। केरल के त्रिशूर जिले की मस्जिद अपनी समान सद्भाव की मान्यता के लिए मशहूर है। क्षेत्र की पुरानी मस्जिदों में इसको शामिल किया गया है। इस मस्जिद का नाम चेरामन पेरूमल मस्जिद है। इस मस्जिद ने देश की गुलामी और उन्नति के दौर को भी देखा है।
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इस मस्जिद को पैगम्बर साहब के समय में बनवाया गया था। इससे सभी धर्मों के लोगों की आस्था जुड़ी है। यहां पर हिंदू व मुस्लिम सहित सभी धर्म के लोग प्रवेश कर एक साथ सजदा करते हैं। कहा जाता है कि इस जगह पर तत्कालीन शासक ने पैगम्बर मुहम्मद साहब ( सल्ल.) से शिक्षा लेकर इस्लाम धर्म को कुबूल किया था। जिसके बाद ही इस मस्जिद का निर्माण किया गया। यह पवित्र जगह देश की प्राचीन धरोहर भी है।