पत्नी पीड़ित पुरुष आश्रम – पुरुषों को पत्नियों के प्रकोप से बचाता है यह आश्रम

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अपने कई ऐसे मामले सुने या पढ़ें होंगे जिनमें पति द्वारा अपनी पत्नी को प्रताड़ित किया गया था, पर वर्तमान में एक ऐसा आश्रम खुला है जो ऐसे व्यक्तियों को पनाह देता है जो अपनी ही पत्नियों द्वारा परेशान किए गए हैं। जी हां, आज हम आपको एक ऐसे ही आश्रम से परिचय करा रहें हैं जो पत्नी द्वारा प्रताड़ित पतियों को पनाह देता है, वर्तमान में इस आश्रम में लगे बोर्ड की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी लोगों द्वारा देखी जा रही है, आइए आपको बताते हैं इस आश्रम के बारे में।

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आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि यह आश्रम “औरंगाबाद” महाराष्ट्र में स्थित है। इस आश्रम का जो बोर्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उस पर यहां का एड्रेस ही लिखा हुआ है। आप इस आश्रम में जाएंगे तो आपको वहां पर कुछ पुरुष मिलेंगे जो की खाना बनाने से लेकर कपड़े धोने तक के सारे काम करते हैं, यहां पर जो भी पुरुष रहते हैं वे अपनी पत्नियों द्वारा प्रताड़ित किए गए हैं, इस आश्रम में कोई भी स्त्री नहीं रहती है।

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इस आश्रम में कुल मिलाकर 9 सदस्य रहते हैं जबकि इस आश्रम के संघठन दल में 450 से ज्यादा सदस्य शामिल हैं। आश्रम में रहने वाले ये सभी लोग सुबह उठकर योगा करते हैं तथा उसके बाद में सभी मिलकर सुबह का नाश्ते को तैयार करते हैं तथा अपने जीवन को चलाने के लिए लोगों को छोटा-मोटा काम भी सिखाते हैं। इस आश्रम की नींव पिछले वर्ष 9 नवंबर को इस जगह रखी गई थी। सबसे खास बात इस आश्रम के बोर्ड पर बना कौवे का चित्र है। इस कौवे के चित्र के बारे में जब आश्रम के लोगों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मादा कौवा अपना अंडा देने के बाद नर कौवे से अलग हो कहीं चली जाती है, इसके बाद में अंडे से बच्चे निकलने तक और इस बच्चे के बड़े होने तक सभी कार्य नर कौवां ही करता है। इसी प्रकार से बहुत सी महिलाएं अपने पतियों से अलग हो कर सभी जिम्मेदारियों से मुंह मोड लेती हैं और अलग रहने लगती हैं, तो उस समय पुरुष को इसी कौवे की तरह सभी जिम्मेदारियों को पूरा करना पड़ता हैं, यह बोर्ड पर बना कौवे का चित्र इसी बात का प्रतिक है। खैर, हम तो समझ गए हैं कि समाज में कुछ पत्नियों द्वारा अपने पतियों को भी प्रताड़ित किया जाता है, अच्छा हो की अब मीडिया और प्रशासन का ध्यान भी इस ओर जाए।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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