बिजली के बिना चलता है यह सिंचाई पम्प

0
476

देखा जाये तो अपने देश में कभी किसी चीज़ की कमी नहीं रही है। प्राकृतिक संसाधनों से लेकर भौतिक वस्तुओं का हमारे यहां भंडार रहा है। यहां के लोग मेहनती होने के साथ-साथ बुद्धिमान भी रहे हैं। यही कारण है कि अपने यहां आये दिन कोई न कोई ऐसा अविष्कार देखने को मिल जाता है जो लोगों के रोजमर्रा के जीवन में सहायक होता है। आज हम आपको ऐसा ही एक अविष्कार करने वाले शख्स से मिला रहे हैं जो भले ही सिर्फ 12वीं तक पढ़े हैं, पर उनके अविष्कार ने किसानों की पानी की समस्या का निदान कर दिया है।

यहां हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सीकर में रहने वाले किसान महेंद्र बीरड़ा की। इन्होंने अपनी मेहनत और लगन से ऐसा सिंचाई पम्प तैयार किया है जो बिना बिजली के ही सिंचाई का कार्य करता है। इसमें ईंधन का उतना उपयोग नहीं होता जितना कि इंजन से सिंचाई पम्प चलने से होता है।

कैसा है पम्प –
यह पम्प मोटरसाइकिल की सहायता से चलता है। इस पम्प को बनाने वाले किसान महेंद्र ने एक मोटरसाइकिल ली और मोटर के तरीके से ही एक एंपुलर लगाया। इसको बाइक के पहिये के साथ इस प्रकार से सेट किया कि बाइक के टायर के घूमते ही उसके साथ मोटर भी चलने लगती है। इस प्रकार से जमीन से पानी मोटर खींचती है। इस पम्प में दो पाइप लगाए गए हैं, जिनमें से एक पाइप जमीन से पानी खींचने का काम करता है और दूसरा जमीन की सिंचाई करने का।

Irrigation Pump1Image Source: http://i9.dainikbhaskar.com/

फ़िलहाल यह पम्प 1 मिनट में 2900 राउंड घूम रहा है और 100 फिट की गहराई से पानी निकाल रहा है। किसान महेंद्र इस पम्प की सहायता से प्रतिदिन 5 हजार लीटर से ज्यादा पानी निकाल रहे हैं और इस सारे कार्य में मोटरसाइकिल के पेट्रोल का खर्च सिर्फ 20 रुपए ही पड़ता है। यह पम्प 2 बीघा खेत में सिर्फ 80 रुपए के खर्च पर सिंचाई कर देता है।

किस प्रकार कार्य करता है यह पम्प –
सबसे पहले महेंद्र अपनी बाइक की हवा निकल कर उस पर चेन चढ़ाते हैं। इसके बाद वापस बाइक के टायर में हवा भरते हैं। जिसके कारण चेन टाइट हो जाती है। बाइक का टायर मोटर की घिर्री पर इस प्रकार से लगाया जाता है कि बाइक को स्टार्ट करते ही मोटर की घिर्री बाइक के पहिये के साथ घूमती है। इस प्रकार से मोटर स्टार्ट हो जाती है और पानी खींचने लगती है।

Irrigation Pump2Image Source: http://i9.dainikbhaskar.com/

45 बार असफल होने पर मिली सफलता –
किसान महेंद्र को सबसे पहला आइडिया सोलर पम्प लगाने का आया था, परन्तु उसमें अधिक खर्च होने के कारण उन्होंने उसे ख़ारिज कर दिया। इसके बाद इंजन लगाने का विचार मन में आया, पर उसमें भी हर रोज़ करीब 200 से 300 रुपए का खर्च आता है। इसलिए यह विचार भी उन्होंने अपने मन से निकल दिया। बिजली से पम्प को चालू करने में भी तकरीबन 2000 रुपए महीने का खर्च था। इसलिए अंत में किसान महेंद्र ने खुद ही एक अलग अविष्कार करने का विचार किया। जिससे लागत कम आए और काम में अधिक फ़ायदा हो। इसके लिए कई प्रकार के प्रयोग किए गए और लगातार 45 बार असफल होने के बाद 46वीं बार वह यह पम्प बनाने में सफल हुए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here