दुनिया का पहला मामला – मरने के बाद फिर से जिन्दा होगी ये लड़की!

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यह सच है कि मरने के बाद कोई भी इंसान का वापस आना अंसभव है लेकिन इस असंभव को संभव करने के लिए एक लड़की ने इस चैलेंज को स्वीकार कर लिया है। इस बात को सच साबित करने के लिए ब्रिटेन की इस लड़की ने मरने के बाद अपने शरीर को दफनाने से मना कर दिया था। बताया जाता है कि 14 साल की इस लड़की को कैंसर की सबसे खतरनाक बीमारी थी। इसके बावजूद वह मरने के बाद भी जीवन को पाना चाहती थी और अपनी इसी अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए उसने कानून का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट से अपनी आखिरी इच्छा पर मुहर लगवा ली। इस प्रकार का दुनिया का यह पहला ऐसा मामला है जिसमे किसी के मृत शरीर को लम्बे समय तक के लिए जिंदा रखने के आदेश दिए गए हैं।

मुझे मरने के बाद नहीं दफनाया जाए….

कैंसर की बीमारी से ग्रस्त ये लड़की अपनी जिंदगी की आखिरी सांसे गिन रही थीं, लेकिन वो मौत को अपने गले नहीं लगाना चाहती थी, इसके लिए इस लड़की ने मरने से पहले अपने शरीर के दफन करने से मना कर दिया। क्रायोनिक पद्धति के द्वारा किसी भी लाइलाज बीमारी से मरे इंसान के शरीर के दोबारा जावित किया जा सकता है, इस प्रक्रिया ने उसकी इस उम्मीद को जगा दिया। उसे उम्मीद थी कि जब एक दिन कैंसर का इलाज संभव हो जाएगा तो वो फिर से दोबारा जीवित हो जाएगी। अभी हाल ही में इस लड़की की कैंसर से मौत हो गई है। मरने से पहले इस लड़की ने ब्रिटेन के एक जज को एक चिट्ठी लिखी जिसमें उसने बताया है कि वो लंबे समय तक के लिए जीना चाहती है और मुझे उम्मीद है कि भविष्य में कैंसर से मुक्ति मिल जाएगी और उस दिन वह इस पद्धति के द्वारा फिर से जिंदा हो सकेगी।


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उसका कहना था कि उसके शरीर को क्रायोप्रिजर्वेशन तकनीक के द्वारा सुरक्षित रखा जाए। क्रायोप्रिजर्व होने से मुझे जिंदा रहने का अवसर मिल सकता है और इस अवसर को वह खोना नहीं चाहती है। इस प्रक्रिया के द्वारा वो कई सालों के बाद भी बीमारी का इलाज मिल जाने के बाद दोबारा अपना जीवन पा सकती है।

32 लाख रुपए खर्च होंगे इस प्रक्रिया में

फिलहाल अभी इस लड़की के मां को उसके शव पर आखिरी फैसला लेने के लिए छोड़ दिया है। कोर्ट ने बताया कि लड़की ने अपने लिए 46000 डॉलर के खर्च वाली इस प्रक्रिया को चुना है। फिलहाल लंदन में इस तरह की टैकनीक मौजूद नहीं है। जिसके कारण उसके शव को अमेरिका मिशिगन में स्थित क्रायोनिक्स इंस्टीट्यूट ले जाया गया है। जहां पर क्रायोनिक्स प्रक्रिया से लाइलाज बीमारी से मरने वालों के शव को डीप फ्रीज करके सुरक्षित रखा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को करने के लिए लगभग 32 लाख रुपए का खर्च आता है।

0 से -196 डिग्री तापमान में लड़की को रखा जाएगा

इस पद्धति में शव को 0 से -196 डिग्री वाले तापमान में रखा जाता है जिससे मरने वाले इंसान का दिमाग सुरक्षित रखा जा सके और यह प्रक्रिया मरने के ठीक 2 मिनट से 15 मिनट के भीतर शुरू कर दी जाती है। सबसे पहले मरे हुए इंसान के शव को 2 से 3 सप्ताह तक नाट्रोजन में ठंडा करते है ताकि बीमारी का इलाज पता लग जाने के बाद उसे फिर से दोबारा जीवित किया जा सके।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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