इस एंजाइम की मदद से अब हल होगी प्लास्टिक प्रदुषण की समस्या

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आज के युग की बात करें तो दुनिया ने जहां एक और बेशुमार तरक्की व उन्नति की है वहीं इंसान ने इस तरक्की के लिए एक बड़ी कीमत भी चुकाई है और वह कीमत है हमारे पर्यावरण का नुकसान। पर्यावरण की तबाही के लिए कई चीजे जिम्मेदार है उनमे से एक है प्लास्टिक। यह एक ऐसा पदार्थ है जिसे हम अपनी आम जिंदगी में इस्तेमाल करते है। इससे बनी ढेरों चीजे हमारे आम जीवन का हिस्सा है जैसे कीचन में मौजूद बरतन, गिलास, पानी की बोतलें और बैठने वाली कुर्सी इत्यादि।

मगर इसी प्लास्टिक के कारण आज दुनिया में प्रदुषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है और इसने पर्यावरण को भी खासा नुकसान पहुचाया है। मगर अब आखिरकार इस परेशानी का हल ढूंढ लिया गया है। वैज्ञानिकों ने इस समस्या के हल स्वरुप एक बग को ढूंढा है जो प्लास्टिक को हजम करने की क्षमता रखता है। यह बग जापान में मिला है। इस बग को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर इस बग से एक एंजाइम को विकसित किया जा सके तो वह इस परेशानी को हमेशा के लिए हल कर सकता है।

प्लास्टिकImage source:

दरअसल कुछ साल पहले ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी पोर्ट्समाउथ और अमेरिका के उर्जा विभाग द्वारा की गई एक रिसर्च में इस एंजाइम की खोज हुई थी। रिसर्च में पता लगा कि यह एंजाइम प्लास्टिक को हजम कर सकता है। इस एंजाइम को वैज्ञानिको ने आइडोनेला सैकेनाइसिस 201- एफ 6 नाम दिया। इसकी खासियत यह है कि यह प्लास्टिक टेरिफ्थेलैट को खाकर बायोडिग्रेडेबल बना देता है।

प्लास्टिकImage source:

जैसा कि आप जानते ही हैं कि प्लास्टिक और फाइबर ऐसी चीजें है जो सैंकड़ो वर्षों तक आसानी से धरती पर रह सकती है। इसे खत्म कर पाना बेहद जटिल है, अगर इसे जलाया जाए तो यह भारी मात्रा में कार्बन समेत कई गैसे पैदा कर वायु प्रदुषण का बड़ा कारण बनता है। ऐसे में अगर इस एंजाइम की मदद ली जाए तो प्लास्टिक से होने वाले प्रदुषण को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।

प्लास्टिकImage source:

क्षमता को और बढ़ाना होगा –

अमेरिका की नेशनल रीनेवेबल एनर्जी लैबोरेटरी की माने तो उनका कहना हैं कि फिलहाल इस एंजाइम को लेकर रिसर्च जारी है। उनका मानना है कि इसके किसी भी तरह के इस्तेमाल से पहले इसकी क्षमता को और भी विकसित करना जरुरी है ताकि प्लास्टिक खाने के बाद वह उसे अच्छे से पचा पाए।

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किसी भी लेखक का संसार उसके विचार होते है, जिन्हे वो कागज़ पर कलम के माध्यम से प्रगट करता है। मुझे पढ़ना ही मुझे जानना है। श्री= [प्रेम,शांति, ऐश्वर्यता]

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