तानाशाह एक ऐसा निरंकुश शासक होता है, जो किसी भी राष्ट्र की सारी शक्तियों को स्वयं ही धारण कर लेता है। कोई भी तानाशाह सदैव एक मदमस्त हाथी के जैसे चलता है और हमेशा अपने मन के अनुसार ही कार्य करता है, चाहें वह सही हो या गलत। उसके रास्ते में आने वाले व्यक्ति को वह खत्म कर देता है। दुनिया में इसी प्रकार के कई सारे तानाशाह हुए हैं जिन्होंने मानवजाति को काफी प्रताड़ित किया है लेकिन आज हम आपको बता रहें है एक ऐसे ही क्रूर तानाशाह “दादा ईदी अमीन” के बारे में, जो युगांड के तानाशाह थे। ईदी का जन्म कोबोको नामक शहर में 1925 में हुआ था। यह 1971 से 1979 तक ये राष्ट्रपति और सैन्य नेता रहा था। इसने युगांडा के राष्ट्रपति पद पर करीब 8 साल तक राज किया। इस दौरान इसने जनता पर बहुत ज्यादा जुल्म किये और अपना आतंक उनमें फैला दिया। ईदी ने अपने समय में करीब 5 लाख लोगों को मरवाया था।
इस तानाशाह के सजा देने के तरीके भी बहुत अजीब थे, यह किसी व्यक्ति को मरवाने के लिए हथियारों का प्रयोग नहीं करता था। इसके अलावा उनको जिन्दा दफ़न देता था या फिर उनको अपने मगरमच्छों के आगे फिकवा देता था। 1972 में ईदी ने यह आदेश जारी किया कि जिन एशियाई लोगों के पास युगांडा की नागरिकता नहीं है वह यहां से चले जाये, इस आदेश के बाद 60 हजार भारतवासियों और पाकिस्तानियों को युगांडा छोड़ कर जाना पड़ा, जिसके कारण वहां की अर्थव्यवस्था चरमरा गई।
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आदमखोर था यह तानाशाह –
इस तानाशाह ने अपने घर में युगांडा की बहुत सी खूबसूरत लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाया था, ऐसा कहा जाता है कि यह इंसानो का मीट खाने का शौकीन था, इसके सबूत भी इसके घर से मिले थे। इसके फ्रीज से बहुत से लोगों के सर बरामद हुए थे, इसलिए लोग इसको सिर्फ तानाशाह नहीं कहते बल्कि आदमखोर तानाशाह कहते हैं। तख्तापलट होने के बाद यह सऊदी अरब में जाकर बस गया था, वहां पर 16 अगस्त 2003 में उसकी मौत हो गई थी।