इस क्रिकेटर को मिली फांसी की सजा!

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क्रिकेट का खुमार देखें तो यह बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के दिलों में देखने को मिलता है। हर बच्चा इस खेल को देखते हुये अपने पसंदीदा खिलाड़ी की तरह बनने की सोचने लगता है। जिसके चलते उसे इस खेल को हर गली मोहल्ले या फिर मैदान में खेलते देखा जा सकता है।

मैच के दौरान क्रिकेटरों का अच्छा प्रदर्शन ही उन्हें बुलंदियों तक पहुंचाने की राह प्रदान करता है। जिसके चलते वो अच्छा नाम और शोहरत कमाते हैं, लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं जो अपने नाम का गलत प्रयोग करने के चलते अपनी पहचान खो बैठते हैं या हमेशा विवादों के घेरे में फंसे होने के कारण अपना नाम बदनाम कर जाते हैं।

1Image Source: http://img.punjabkesari.in/

आज हम आपको ऐसे ही एक दिगग्ज खिलाड़ी के बारे में बता रहे हैं जिनकी एक घिनौनी हरकत के चलते उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई। वेस्टइंडीज की ओर से खेलने वाला लेस्ली हिल्टन एक मात्र ऐसे खिलाड़ी थे जिसने 1934-35 में ‘रीस वायट्स इंग्लिशमेन’ के खिलाफ अपने कैरियर की पहली टेस्ट सीरीज खेली थी। जिसमें उन्होंने अपने अच्छे प्रदर्शन के चलते 13 विकेट लिए थे, पर अपनी निजी जिंदगी में इस तेज गेंदबाज ने अपनी पत्नी का मर्डर कर एक सवाल पैदा कर दिया। जिसके चलते उसे फांसी के फंदे पर लटकाये जाने की सजा सुनाई गई।

हिल्टन की फांसी की वजह बनी पत्नी की बेवफाई-

बताया जाता है कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ी हिल्टन ने जमैका के इंस्पेक्टर की बेटी लर्लिन रोज से 1942 में लव मैरिज की थी। तब दोनों के बीच एक दूसरे के प्रति काफी प्यार था। कुछ समय के बाद उन्हें एक बेटा भी हुआ, पर यह प्यार तब नफरत में बदल गया जब शादी के करीब 5 साल बाद हिल्टन की पत्नी के ब्रूकलीन एवेन्यू में रहने वाले रॉय फ्रांसिस से नाजायज संबंध होने लगे। बिजनेस का बहाना बनाकर वो अक्सर उससे मिलने न्यूयॉर्क जाने लगी। इसकी भनक जब हिल्टन को लगी तो वो काफी बैचेन हो गए और दोनों के बीच अनबन होनी लगी। रोज की इस लड़ाई के बाद आखिरकार एक दिन लर्लिन ने स्वीकार लिया कि उनका एक फ्रांसिसी से अफेयर है। यह बात सुनते ही हिल्टन गुस्से से पागल हो गये और पास पर ही रखी बंदूक को उठाकर उन्होंने अपनी पत्नी पर एक नहीं बल्कि 7 गोलियां दाग दी। जिससे लर्लिन की तुंरत ही मौत हो गई।

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इस कथित घटना के बाद हिल्टन गिरफ्तार कर लिये गये। कोर्ट में अपनी सफाई पर हिल्टन ने बताया था कि उन्होंने अपने आप को गोली से मारने की कोशिश की थी पर गलती से उनकी पत्नी इसका शिकार हो गई, लेकिन उनकी किसी भी प्रकार की दलील नहीं सुनी गई। 20 अक्टूबर 1954 को उन्हें लर्लिन के मर्डर का दोषी ठहराते हुये फासी की सजा सुनाई गई और 17 मई 1955 को हिल्टन को फांसी के तख्ते पर लटका दिया गया।

Pratibha Tripathi
Pratibha Tripathihttp://wahgazab.com
कलम में जितनी शक्ति होती है वो किसी और में नही।और मै इसी शक्ति के बल से लोगों तक हर खबर पहुचाने का एक साधन हूं।

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